Description
कोशिश करने का नतीजा देख ही चुके थे सब,,, अब आगे,,,,"हमे महाराज को चुचित करना चाहिए,,,बच्ची के प्राण बचाने ही होंगे,,,इस दुष्ट को रोकना ही होगा,,,अन्यथा राज्य का विनाश होजाएगा" पहले व्यक्ति ने भयभीत होकर कहा।तो दूसरा व्यक्ति भी बोला "हा,,,हमसे बहुत बड़ी भूल हो गई इस पर विश्वास कर के,,,हमने महाराज से भी ये बात छुपाई,,,पर अब देर नही करनी चाहिए,,,मैं अभी उन्हे बुलाकर लाता हु" ये बोल वो व्यक्ति जैसे ही जाने के लिए पलटा।तांत्रिक ने उस पर काला भस्म फुक दिया,,,वो व्यक्ति वही के वही के वही पत्थर की मूरत में तब्दील हो गया।ये देख सब सदमे