Description
अखण्ड प्रताप गुस्से से,,,,,,,,,,,,,,,,, अनिकेत कहां है ,,,,,वो तो अभी घर नहीं आया बताइये हुआ क्या है ,,,,,,,,,, अखण्ड प्रताप सिंह गुस्से से ,, कुछ नहीं अनिकेत जैसे ही आए उसे हमारे कमरे में भेजिएगा,,,,,,,,,,,ठीक है पिता जी हम भेज देंगे,,,,,,,,...................रात 12बजेअनिकेत नशे की हालत में हवेली के अन्दर जैसे ही पैर रखता है वैसे एक जोरदार आवाज उसके कान में पड़ती है ,,,,,,,,,, कहां थे आप वक्त देखा है आपने ,,,,,,,,अखण्ड प्रताप गुस्से से अनिकेत को ना जाने क्या क्या कह रहे थे पर उसको तो कुछ सुनाई ही नहीं दे रहा था नशे के हाल में अनिकेत के