Description
काश------/////----तुमब्रह्मा की अनुपम कृति हो,लगता है,सृष्टि के निर्माता ने,तुम्हे,फुर्सत में,बड़े जतन से घड़ा है,तभी तो,तुम्हारा हर अंग,प्रत्यंगबोलता है,तुम्हारी झील सी गहरी,आंखेगुलाब की पंखड़ियों सदृशपतले,रसीले,नाज़ुक होठ औऱहवा में लहराती रेेेशमी जुुुल्फे,तुम्हारे रंग रुप की जितनीतारीफ की जाए कम है,लोग कहते है,कोई गम है,तो शराब पीओ,भूल जाओगेसारे गम,हो जाओगे मस्तमैं कहता हूँ,तुम्हारा रूपइतना मस्त ,मादक हैऔऱ तुम्हारी नशीली ऑखों केआगे शराब क्या चीज़ है,तुम्हे देखकर दिल चाहता हैकाश तू मेरी हो जा-----//////----/////------नारी-------////-------पूजी जाती हो, कितनी ही नारीलेकिन उसके भाग्य मे, तो लिखा है,दुखमहिमा मंडित की जाती हो कितनी हीनारी,लेकिन उसके जीवन मे तो,बिखरे पड़े है कांटे,उठा के देख लो इतिहासपलट लो,पौराणिक ग्रन्थकिस युग