भारत एक कृषिप्रधान देश है, जहां लगभग 60% लोग कृषि पर निर्भर हैं। 17वीं शताब्दी में भारत की कृषि व्यवस्था मजबूत थी, लेकिन अंग्रेजी शासन ने इसे बुरी तरह प्रभावित किया, जिसके परिणामस्वरूप किसान गरीबी की चपेट में आ गए। 1947 के बाद से भी किसान गरीबी से बाहर नहीं आ सके, और राजनीतिक वादे केवल कागजों तक सीमित रह गए हैं। सरकारें किसान की स्थिति सुधारने के लिए योजनाएं बनाती हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई बदलाव नहीं दिखता। शिक्षा की महंगाई के कारण किसान अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं। हाल ही में कृषियंत्रों पर अनुदान योजना का विश्लेषण करने पर पता चला कि बड़े किसान, जो इस योजना के लिए योग्य नहीं हैं, ने अधिकतर आवेदन किए हैं। प्रधानमंत्री किसान निधि योजना के अंतर्गत भी योग्य किसान लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। सरकार की अन्य योजनाएं भी केवल आर्थिक रूप से सक्षम लोगों को ही लाभ देती हैं। इसके अलावा, किसान अपनी फसल का मूल्य स्वयं तय नहीं कर पाते, जबकि अन्य वस्तुओं के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं। चुनावों में किसानों की आय दोगुनी करने के वादे किए जाते हैं, लेकिन वास्तविकता में स्थिति जस की तस है। किसान, जिन्हें देश की रीढ़ माना जाता है, गरीबी का सामना करते रहे हैं। किसान by Rajesh Kumar in Hindi Motivational Stories 138 1.4k Downloads 5.5k Views Writen by Rajesh Kumar Category Motivational Stories Read Full Story Download on Mobile Description हमारे देश कृषिप्रधान देश है, लगभग 60% समाज कृषि पर जीवनयापन करता है। कहते है 17वीं शताब्दी तक भारत की कृषि व्यवस्था बहुत दुरूस्त थी जिससे किसान स्वावलंबी थे और वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत पहले स्थान पर रहा। अंग्रेजी हुकूमत ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लूट कर तहस-नहस कर दिया। जिससे कृषि आधारित लघु एवं कुटीर उद्योग बंद हो गए जिससे किसान भयंकर गरीबी में चला गया। अंग्रेजों की हुकूमत समाप्त हुई और 1947 से आज तक भारतीय किसान गरीबी की मार से बाहर नहीं आ सका। राजनीतिक व्यवस्था में सरकारी तरह तरह के वादे करते हैं तरह तरह की घोषणा More Likes This श्री बप्पा रावल श्रृंखला खण्ड-दो - षष्ठम अध्याय by The Bappa Rawal लड़का होना आसान नहीं होता - भाग 1 by parth Shukla टीपू सुल्तान - 2 by Sonu Rj जादुई मुंदरी - 1 by Darkness दस महाविद्या साधना - 1 by Darkness श्री गुरु नानक देव जी - 1 by Singh Pams शब्दों का बोझ - 1 by DHIRENDRA SINGH BISHT DHiR More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Fiction Stories Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Comedy stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Moral Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything Hindi Crime Stories