जब हम घर से बाहर जाते हैं, तो एक असमंजस हमें परेशान करता है कि हमें क्या-क्या ध्यान रखना चाहिए। लेकिन जब हम दूर चले जाते हैं, तो यह चिंता धीरे-धीरे समाप्त हो जाती है और हमारा ध्यान उस स्थान पर केंद्रित हो जाता है जहां हम हैं। कोल्हापुर एक शांत और सुसंस्कृत शहर है, जहां मुझे एक अच्छी कॉलोनी में घर मिल गया। मैंने ऑफिस जॉइन कर लिया और पास में एक प्राइवेट मैस में भोजन का प्रबंध किया। वहां पढ़ने वाले छात्र अधिक आते थे, और मैं भी ऑफिस से पैदल ही जाता था। मेरे संपर्क घर से केवल पत्राचार के माध्यम से था, और मैं अपने खाली समय में लेखन करने लगा। मेरे लेख और कहानियाँ अखबारों में छपने लगे। मैंने दक्षिण महाराष्ट्र के विभिन्न शहरों और गांवों का दौरा किया, गोवा और कर्नाटक के बेलगांव में भी गया। यहां की हरी-भरी भूमि और समुद्री तट मुझे आकर्षित करते थे। एक रात रत्नागिरी में एक होटल में लेटे हुए, मुझे राजस्थान के वैद्य जी की बातें याद आई, जिन्होंने कहा था कि अविवाहित लड़के अकेले रह सकते हैं, लेकिन शादी के बाद यह मुश्किल हो जाता है। प्रकृति मैम - ठिकाने, ज़ायके, पोशाक by Prabodh Kumar Govil in Hindi Philosophy 648 3.2k Downloads 9.9k Views Writen by Prabodh Kumar Govil Category Philosophy Read Full Story Download on Mobile Description ठिकाने ज़ायके पोशाकजब हम घर से कहीं बाहर जाने के लिए निकलते हैं तो एक उलझन मन ही मन हमें बेचैन करती रहती है। हम सोचते हैं कि दुनिया इतनी बड़ी, फैली बिखरी है, और फ़िर हमारा ये घर, हम किस किस बात का ख़्याल रखें!लेकिन जब हम बाहर दूर कहीं निकल आते हैं तो हमारी ये अकुलाहट धीरे धीरे स्वतः कहीं तिरोहित होती जाती है। अब हमारा ध्यान केंद्र धरती का वही कोण बन जाता है, जहां हम हैं!कोल्हापुर शहर एक शांत, सुसंस्कृत मध्यम आकार का शहर था। शुरू की दो - तीन रातें एक होटल में काटने के Novels प्रकृति मैम अरे सर, रुटना रुटना ...अविनाश दौड़ता-चिल्लाता आया। -क्या हुआ? मैं पीछे देख कर चौंका। -सर, टन्सेसन मिलेडा। -अरे कन्सेशन ऐसे नहीं मिलता। मैंने लापरवाह... More Likes This जीवन का विज्ञान - 2 by Agyat Agyani शब्द उपनिषद — सृष्टि का मौन विज्ञान - 1 by Agyat Agyani जीवनोपनिषद - 1 by Agyat Agyani मनत्रयी दर्शनम् by Agyat Agyani संभोग से समाधि - 1 by Agyat Agyani तन्हा सफ़र: जज़्बातों की छांव में भीगा इश्क़ - 2 by Babul haq ansari सिसकती वफ़ा: एक अधूरी मोहब्बत की मुकम्मल दास्तान - 2 by Babul haq ansari More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Fiction Stories Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Comedy stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Moral Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything Hindi Crime Stories