इस कहानी का शीर्षक "अनुराधा" है और इसे शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ने लिखा है। इस प्रकरण में, विजय, जो एक मालिक है, अपनी रसोई में आए साग-सब्जी, फल और मिठाई के बारे में चर्चा कर रहा है। वह अनुराधा से बात कर रहा है, जो उसे राधा कहकर बुलाने का सुझाव देती है। विजय इस बात को लेकर चिंतित है कि वह किस नाम से उसे बुलाए, क्योंकि वह उसके साथ घनिष्ठता बढ़ाना चाहता है, लेकिन अनुराधा की ओर से कोई उत्साह नहीं है। अनुराधा विजय की चिंता का जवाब देती है, यह बताते हुए कि उसका रसोइया ठीक से खाना नहीं बना रहा है और यह भी कि वह बीमारी को लेकर चिंतित है। विजय उसे आश्वस्त करता है कि वह खुद खाना बना लेगा और उसे कोई परेशानी नहीं होगी। अनुराधा उसकी देखभाल की चिंता करती है, लेकिन विजय इसका भार उस पर डालता है। अंत में, विजय अनुराधा को पूछता है कि वह इस समय क्या बना रही है, जिससे वह खाना बनाने में मदद ले सके। कहानी में विजय और अनुराधा के बीच का संवाद उनके रिश्ते की जटिलता और सामाजिक मानदंडों को दर्शाता है। अनुराधा - 5 by Sarat Chandra Chattopadhyay in Hindi Moral Stories 27 6.7k Downloads 14.6k Views Writen by Sarat Chandra Chattopadhyay Category Moral Stories Read Full Story Download on Mobile Description कलकत्ता से कुछ साग-सब्जी, फल और मिठाई आदि आई थीं। विजय ने नौकर से रसोईघर के सामने टोकरी उतरवाकर कहा, ‘अंदर होंगी जरूर?’ अंदर से मीठी आवाज में उत्तर आया, ‘हूं।’ विजय ने कहा, ‘आपको पुकारना भी कठिन है। हमारे समाज में होती तो मिस चटर्जी या मिस अनुराधा कहकर आसानी से पुकारा जा सकता था, लेकिन यहां तो यह बात विल्कुल नहीं चल सकती। आपके लड़को में से कोई होता तो उनमें से किसी को ‘अपनी मौसी को बुला दो’ कहकर अपना काम निकाल लिया जा सकता था, लेकिन इस समय वह भी फरार हैं। क्या कहकर बुलाऊं, बताइए?’ Novels अनुराधा लड़की के विवाह योग्य आयु होने के सम्बन्ध में जितना भी झूठ बोला जा सकता है, उतना झूठ बोलने के बाद भी उसकी सीमा का अतिक्रमण किया जा चुका है और अब तो विव... More Likes This रुह... - भाग 8 by Komal Talati उज्जैन एक्सप्रेस - 1 by Lakhan Nagar माँ का आख़िरी खत - 1 by julfikar khan घात - भाग 1 by नंदलाल मणि त्रिपाठी सौंदर्य एक अभिशाप! - पार्ट 2 by Kaushik Dave चंदन के टीके पर सिंदूर की छाँह - 1 by Neelam Kulshreshtha गाजा वार - भाग 1 by suhail ansari More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Fiction Stories Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Comedy stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Moral Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything Hindi Crime Stories