कहानी "पल जो यूँ गुज़रे" में निर्मल और जाह्नवी के बीच की बातचीत को दर्शाया गया है। चार दिन के अवकाश के बाद जब निर्मल क्लास में लौटता है, तो जाह्नवी उसे उसके गायब रहने के लिए उलाहना देती है। निर्मल बताता है कि वह अपने बचपन के दोस्त के विवाह में गया था और उसकी अनुपस्थिति के लिए माफी मांगता है। जाह्नवी उसे सजा के तौर पर लंच उसके खर्च पर करने के लिए कहती है। दोनों एक रेस्तरां में लंच करते हैं, और खाने के बाद निर्मल जाह्नवी से कहता है कि वह उसके साथ उसके कमरे पर चलना चाहता है ताकि वे पढ़ाई के बारे में चर्चा कर सकें। जाह्नवी यह बताती है कि वह दिल्ली में अकेली रहती है और उसे अपने परिवार का विश्वास है, इसलिए उसे किसी की मदद की जरूरत नहीं है। कहानी में दोस्ती, जिम्मेदारी और स्वतंत्रता के पहलुओं को छूआ गया है। पल जो यूँ गुज़रे - 2 by Lajpat Rai Garg in Hindi Moral Stories 592 4.7k Downloads 8.9k Views Writen by Lajpat Rai Garg Category Moral Stories Read Full Story Download on Mobile Description चार दिन के अवकाश के पश्चात् निर्मल ने कोचग क्लास लगाई थी। जब क्लास समाप्त हुई और निर्मल अपने निवास—स्थान की ओर मुड़ने लगा तो जाह्नवी ने उसे रोकते हुए उलाहने के स्वर में पूछा — ‘निर्मल, बिना बताये कहाँ गायब हो गये थे इतने दिन?' Novels पल जो यूँ गुज़रे अपना आखिरी पीरियड लगाने के बाद जैसे ही निर्मल ने डिपार्टमेंट से बाहर कदम बढ़ाये कि उसका सामना बेमौसम की बारिश की हल्की—हल्की बूँदों से हुआ। इसकी परवाह... More Likes This अंधेरी कोठरी का रहस्य - भाग 5 by Pawan जिंदगी के रंग - 1 by Raman रुह... - भाग 8 by Komal Talati उज्जैन एक्सप्रेस - 1 by Lakhan Nagar माँ का आख़िरी खत - 1 by julfikar khan घात - भाग 1 by नंदलाल मणि त्रिपाठी सौंदर्य एक अभिशाप! - पार्ट 2 by Kaushik Dave More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Fiction Stories Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Comedy stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Moral Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything Hindi Crime Stories