**व्यक्ति और संस्था** यह कविता व्यक्ति और संस्था के संबंध को उजागर करती है। एक व्यक्ति जब अपने रोजगार को प्राप्त करता है, तो वह संस्था उसके लिए घर की तरह होती है। हालांकि, अधिकांश लोग अपने कर्तव्यों से विमुख रहते हैं और केवल सुविधाओं की मांग करते हैं। यह स्थिति देश की प्रगति में बाधा डालती है। यदि लोगों का नजरिया नहीं बदला, तो संकट बार-बार आएंगे। कवि ने भाईचारे, सहयोग और सकारात्मक सोच को महत्व दिया है। असामाजिक व्यवहार और स्वार्थी प्रवृत्तियों के कारण संस्थाओं में बुराइयों का प्रवेश होता है। कवि ने यह भी कहा है कि व्यक्ति एक सीमित इकाई नहीं है, बल्कि जब वे एक-दूसरे से जुड़ते हैं, तो वे एक मजबूत संस्था का निर्माण करते हैं। अंत में, व्यक्तिगत और सामूहिक जिम्मेदारियों का पालन करने की आवश्यकता पर बल दिया गया है, ताकि समाज में सकारात्मक परिवर्तन आ सके। **प्रेरणा-स्रोत** इस भाग में, कवि सुबह के समय सूरज की रोशनी को देखकर नई प्रेरणा और सकारात्मकता का अनुभव करता है। हर नया दिन नए विचार, भावनाएं और संभावनाएं लेकर आता है। कवि यह बताता है कि जीवन के हर क्षण में नई चेतना छिपी होती है, जो सुख और दुःख दोनों को समाहित करती है। यह जीवन के अनुभवों और यादों के महत्व को उजागर करता है, जो हमें आगे बढ़ने और अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रेरित करते हैं। कविताए by Nagendra Dutt Sharma in Hindi Poems 8 1.3k Downloads 4.5k Views Writen by Nagendra Dutt Sharma Category Poems Read Full Story Download on Mobile Description !!! व्यक्ति और संस्था !!! एक व्यक्ति जहाँ पा लेता है अपना रोजगारवह संस्था उसके लिए होती है जैसे घर-बारलेकिन क्या सारे लोग करते हैं ऐसा व्यवहारसौ में नब्बे नहीं रखते हैं कर्त्तव्य से सरोकारआते हैं, मौज मनाते हैं, कार्य रहता दरकिनारसुविधाएँ तो उन्हें चाहियें, जताते हैं अधिकारकरते हैं दस मेहनत तो सौ उसके हिस्सेदारदेश करे कैसे प्रगति, कैसे चलेगी यूं सरकारबनेगी नयी राहें, कैसे खुशहाली रहेगी बरकरारन बदला अगर नजरिया संकट आएंगे बारम्बारइसीलिए कहता हूँ जगाओ नयी चेतना का संसारभाईचारा बना रहे, आपस में बढे सभी में प्यारकरें कुछ काम तब, जब मिले नंबर दो का दामकुछ खा जाएँ,पचा जाएँ More Likes This सफ़र-ए-दिल by Kridha Raguvanshi Shyari form Guri Baba - 4 by Guri baba मन की गूंज - भाग 1 by Rajani Technical Lead मी आणि माझे अहसास - 98 by Darshita Babubhai Shah लड़के कभी रोते नहीं by Dev Srivastava Divyam जीवन सरिता नोंन - १ by बेदराम प्रजापति "मनमस्त" कोई नहीं आप-सा by उषा जरवाल More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Fiction Stories Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Comedy stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Moral Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything Hindi Crime Stories