(बैलों का महान मेला – शुरुआत) लेखक राज फुलवरे अध्याय 1 – बैलों का सबसे बड़ा मेला सुबह का सूरज अभी धीरे-धीरे आसमान में चढ़ रहा था। एक हल्की-सी गुलाबी रोशनी खेतों पर फैल चुकी थी। फसलों पर ओस की बूंदें मोती जैसी चमक रही थीं। दूर-दूर से लोग अपने–अपने बैल लेकर एक विशाल खुले मैदान में इकट्ठे हुए थे। यह वह दिन था जब गाँव में साल का सबसे बड़ा बैल बाजार भरता था— जहाँ किसान अपनी आशाएँ लेकर आता, जहाँ खरीदार अच्छे बैलों की तलाश करता, और जहाँ हर बैल के दिल में एक डर और एक उम्मीद छुपी होती।
सर्जा राजा - भाग 1
सर्जा राजा – भाग 1(बैलों का महान मेला – शुरुआत)लेखक राज फुलवरेअध्याय 1 – बैलों का सबसे बड़ा मेलासुबह सूरज अभी धीरे-धीरे आसमान में चढ़ रहा था।एक हल्की-सी गुलाबी रोशनी खेतों पर फैल चुकी थी।फसलों पर ओस की बूंदें मोती जैसी चमक रही थीं।दूर-दूर से लोग अपने–अपने बैल लेकर एक विशाल खुले मैदान में इकट्ठे हुए थे।यह वह दिन था जब गाँव में साल का सबसे बड़ा बैल बाजार भरता था—जहाँ किसान अपनी आशाएँ लेकर आता,जहाँ खरीदार अच्छे बैलों की तलाश करता,और जहाँ हर बैल के दिल में एक डर और एक उम्मीद छुपी होती।भीड़, शोर, पुकारें, अनाउंसमेंट,बैलो का ...Read More