कुछ क्षण के लिए ऐसा प्रतीत हुआ जैसे वक्त ने खुद को रोक लिया हो। पेड़ से गिरती ओस की बूंद भी जैसे हवा में झूलने लगी। तभी एक तेज हवा का झोंका आया। जिसने मेरा भ्रम तोड़ दिया मैं झपट कर आगे की ओर बढ़ा लेकिन देखते ही देखते वो परछाई मेरी आंखो से ओझ हो गई। मैंने इधर उधर बहुत ढूंढा मगर वहां कोई नहीं था। मैं वापस अपने काम पर चला गया…..।जतिन अपनी घड़ी में समय देखता हुआ। स्टेशन की ओर झपट कर चल रहा था कि कहीं उसकी ट्रेन न छूट जाएं।
ज़िंदगी की खोज - 1
कुछ क्षण के लिए ऐसा प्रतीत हुआ जैसे वक्त ने खुद को रोक लिया हो।पेड़ से गिरती ओस की भी जैसे हवा में झूलने लगी। तभी एक तेज हवा का झोंका आया। जिसने मेरा भ्रम तोड़ दिया मैं झपट कर आगे की ओर बढ़ा लेकिन देखते ही देखते वो परछाई मेरी आंखो से ओझ हो गई। मैंने इधर उधर बहुत ढूंढा मगर वहां कोई नहीं था। मैं वापस अपने काम पर चला गया…..।जतिन अपनी घड़ी में समय देखता हुआ। स्टेशन की ओर झपट कर चल रहा था कि कहीं उसकी ट्रेन न छूट जाएं।आज उसे अपने दफ़्तर जल्दी पहुंचना ...Read More