एक पुराने, खामोश से मदरसे में बरसों से एक गहरा राज़ छुपा हुआ था। उसी राज़ की तलाश में एक दिन एक लड़का वहाँ पहुँचता है। शुरू में मदरसा बिल्कुल साधारण लगता है, मगर जैसे ही वह अंदर की तंग गलियों, अंधेरी राहदारियों, और बंद हुजरों में कदम रखता है, उसे हवा में अजीब सी सरगोशियाँ, दीवारों पर बने अनजान निशान, और दूर कहीं से आती दबी हुई आवाज़ें सुनाई देने लगती हैं। जो कुछ उसने वहाँ देखा और सुना, वह उसकी पूरी ज़िंदगी बदल देने के लिए काफ़ी था। जहाँ हर कदम पर सच, साए, और खतरा साथ चलता है, पढ़े पूरी कहानी सिर्फ Matrubharti पर..
सिहर - 1
एक पुराने, खामोश से मदरसे में बरसों से एक गहरा राज़ छुपा हुआ था। उसी राज़ की तलाश में दिन एक लड़का वहाँ पहुँचता है। शुरू में मदरसा बिल्कुल साधारण लगता है, मगर जैसे ही वह अंदर की तंग गलियों, अंधेरी राहदारियों, और बंद हुजरों में कदम रखता है, उसे हवा में अजीब सी सरगोशियाँ, दीवारों पर बने अनजान निशान, और दूर कहीं से आती दबी हुई आवाज़ें सुनाई देने लगती हैं। जो कुछ उसने वहाँ देखा और सुना, वह उसकी पूरी ज़िंदगी बदल देने के लिए काफ़ी था। जहाँ हर कदम पर सच, साए, और खतरा साथ चलता है, पढ़े पूरी कहानी सिर्फ Matrubharti पर.. ...Read More
सिहर - 2
फरहान अतीत में छुपे उस राज़ से पर्दा उठाता है, जहाँ एक मौलवी के रूप में छिपा शैतान पाँच लड़कियों की रूहों पर क़ब्ज़ा करने की कोशिश करता है। मदरसे की दीवारों के अंदर हुए काले अमल, टोने–टोटके, एक ऐसा खौफनाक मंजर रचते हैं जो रूह तक को हिला देता है। ...Read More
सिहर - 3
उस मौलवी की मौत के बाद उसका बड़ा भाई गाँव आता है, जहाँ छुपी हुई हक़ीक़तें एक-एक करके बेनक़ाब लगती हैं। आमिल की मदद से ये राज़ सामने आता है कि मौलवी शैतानी अमल में मुब्तिला था, जिसकी क़ीमत मासूम जानों ने चुकाई। मगर कहानी यहीं ख़त्म नहीं होती—क़ब्र से आती आवाज़ें, एक मनहूस किताब और नक़ाबपोश साया इस बात का इशारा देते हैं कि बुराई अब भी ज़िंदा है। आमिल की अचानक मौत के बाद राफ़िया की ज़िंदगी एक नए ख़ौफ़नाक मोड़ पर आ खड़ी होती है। क्या ये सब महज़ इत्तेफ़ाक़ है या किसी शैतानी खेल की इब्तिदा? ...Read More