विक्रम और बेताल.

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यह कहानी राजा विक्रमादित्य के समय की है, जिसे "विक्रम और बेताल" की कहानियों की शुरुआत माना जाता है। यह कहानी हमें दिखाती है कि कैसे राजा विक्रमादित्य ने एक साधु को दिए गए अपने वचन को पूरा करने के लिए असाधारण साहस और बुद्धिमानी का परिचय दिया। उज्जैन नगरी में महाराजा विक्रमादित्य का शासन था। वे अपने न्याय, शौर्य और दानशीलता के लिए दूर-दूर तक प्रसिद्ध थे।

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विक्रम और बेताल - 1

यह कहानी राजा विक्रमादित्य के समय की है, जिसे "विक्रम और बेताल" की कहानियों की शुरुआत माना जाता है। कहानी हमें दिखाती है कि कैसे राजा विक्रमादित्य ने एक साधु को दिए गए अपने वचन को पूरा करने के लिए असाधारण साहस और बुद्धिमानी का परिचय दिया।उज्जैन नगरी में महाराजा विक्रमादित्य का शासन था। वे अपने न्याय, शौर्य और दानशीलता के लिए दूर-दूर तक प्रसिद्ध थे।एक दिन, जब राजा अपने दरबार में बैठे थे, तभी एक साधु उनके पास आया। साधु ने राजा को प्रणाम किया और भेंट के रूप में एक फल दिया। फल बहुत सुंदर और चमकदार ...Read More