ईश्वर पाने का कोई उपाय नहीं

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“ईश्वर ‘पाना’ नहीं है — वह भीतर घटित होता है।”ईश्वर सूत्र ईश्वर पाने का कोई उपाय नहीं“ईश्वर ‘पाना’ नहीं है — वह भीतर घटित होता है।” व्याख्यान ईश्वर पाने की कोई विधि, साधना या उपाय नहीं है।वह कोई वस्तु नहीं, जिसे किसी तकनीक, नियम या अभ्यास से हासिल कर लिया जाए।वह तो प्रकृति की तरह है —सहज, स्वतःस्फूर्त, बिना प्रयास के। जीवन ही उपाय हैजब जीवन प्रेम, आनंद, होश और संतोष से जिया जाता है,तो ईश्वर अपने आप घटित होता है।प्रेम = हृदय की खुली धड़कन।आनंद = अस्तित्व के साथ तालमेल।होश = हर क्षण जागरूक रहना।सं

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ईश्वर पाने का कोई उपाय नहीं

“ईश्वर ‘पाना’ नहीं है — वह भीतर घटित होता है।”ईश्वर सूत्र ईश्वर पाने का कोई उपाय नहीं“ईश्वर ‘पाना’ नहीं — वह भीतर घटित होता है।” व्याख्यान ईश्वर पाने की कोई विधि, साधना या उपाय नहीं है।वह कोई वस्तु नहीं, जिसे किसी तकनीक, नियम या अभ्यास से हासिल कर लिया जाए।वह तो प्रकृति की तरह है —सहज, स्वतःस्फूर्त, बिना प्रयास के। जीवन ही उपाय हैजब जीवन प्रेम, आनंद, होश और संतोष से जिया जाता है,तो ईश्वर अपने आप घटित होता है।प्रेम = हृदय की खुली धड़कन।आनंद = अस्तित्व के साथ तालमेल।होश = हर क्षण जागरूक रहना।सं ...Read More

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ईश्वर पाने का कोई उपाय नहीं - 2

अध्याय1- मार्ग नहीं, अवरोध है सत्य का रहस्य” मार्ग का मतलब है: लंबी यात्रा, तपस्या, कठिनाई, भटकने की तो जनता को लगता है — “हाँ, अगर मार्ग है तो शायद पहुँचा जा सकता है।” पर सच्चाई यह है — ईश्वर तक कोई मार्ग है ही नहीं। क्यों? क्योंकि मार्ग हमेशा कहीं और ले जाता है। मार्ग = भविष्य। मार्ग = अभी से इनकार, कल की प्रतीक्षा। और ईश्वर कभी “भविष्य” में नहीं, बस “अभी” में है। इसीलिए जो भी सच्चे लोग आए — कबीर, रैदास, बुद्ध, नानक, कृष्णमूर्ति, ओशो — उन्होंने रास्ते से ज़्यादा अवरोध की ...Read More