आज मौसम बहुत ही खूबसूरत था ठंडी हवाएं चल रही थी चारों तरफ खुशी फैली हुई थी, हल्की- हल्की बूंदे धरती को भिगो रही थी. क्योंकि आज हमारी हीरोइन वेदिका बहुत खुश थी और वो बारिश में झूम कर अपनी खुशी मना रही थी. काफी अंधेरा होने को था, लेकिन वो फिर भी अपने घर की छत पर खुशी से झूम रही थी और साथ में उसकी सहेली अवनी भी दोनों सहेलियां मिलकर बहुत खुश हो रही थी तभी नीचे से वेदिका को उसकी मां लता जी की आवाज आती है. जो उसे नीचे बुला रही थी, वेदिका बेटा क्या कर रही है बीमार हो जाएगी आजा जल्दी नीचे और कल तो तेरे लिए इतना बडा दिन है. अगर बीमार हो गई, तो अपनी खुशियां कैसे मना पाएगी.
हम सफरनामा - 1
आज मौसम बहुत ही खूबसूरत था ठंडी हवाएं चल रही थी चारों तरफ खुशी फैली हुई थी, हल्की- हल्की धरती को भिगो रही थी. क्योंकि आज हमारी हीरोइन वेदिका बहुत खुश थी और वो बारिश में झूम कर अपनी खुशी मना रही थी.काफी अंधेरा होने को था, लेकिन वो फिर भी अपने घर की छत पर खुशी से झूम रही थी और साथ में उसकी सहेली अवनी भी दोनों सहेलियां मिलकर बहुत खुश हो रही थी तभी नीचे से वेदिका को उसकी मां लता जी की आवाज आती है.जो उसे नीचे बुला रही थी, वेदिका बेटा क्या कर रही ...Read More
हम सफरनामा - 2
ईशान जल्दी से अपने कमरे में भाग जाता है तैयार होने के लिए.वेदिका. मां हम सब का लंच मत हम सब बाहर खा कर आएंगे.मुस्कुराते हुए निशा और अवनी का हाथ पकड कर बाहर चली जाती है, थोडी देर बाद ईशान भी अपने हाथ में गाडी की चाबी घूमते हुए बाहर निकल जाता है.थोडी देर में वो तीनों गाडी में बैठकर वहां से निकल जाते हैं वेदिका गाडी में बैठकर अपने भाई से कल स्कूल जाने के लिए ढेर सारी बातें बताती है और उसकी खुशी उसके चेहरे पर ही नजर आ रही थी.उसकी खुशी देखकर उसका भाई ईशान ...Read More
हम सफरनामा - 3
अरे बेटा, तू आ गई?हां मां, देखिए मैं क्या लाईं हूं आपके लिए, नंदिनी ने धीरे से कहा।तेरे हाथ लाया खाना तो दवा से भी बढकर है, लता जी ने प्यार से नंदिनी के सिर पर हाथ फेरा। मां- बेटी साथ बैठकर खाना खाने लगीं।थोडी देर बाद नंदिनी जाकर अपना project तैयार करने लगती है लता जी बर्तन साफ कर कर शाम की तैयारी करने लगी.शाम के करीब छह बजने को आए थे। आसमान में ढलती धूप की सुनहरी किरणें खिडकी से झांक रही थीं। मॉल से लौटते हुए वेदिका, ईशान, निशा और अवनी सबके चेहरे पर हल्की- सी ...Read More