सत्रह बरस की तन्हा कहानी

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(बचपन की तन्हाई) मैं आज आप सब के सामने अपनी कहानी प्रस्तुत करने जा रही हूं जो भी गलती हो माफ कीजिएगा । मेरा जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था कुछ कारणो और मजबूरी के कारण मुझे मेरी नानी मां ने मम्मा से बोल कर ले लिया और मेरी परवरिश उन्होंने और मेरे मामा जी ने कि थी उन्होंने मुझे एक नया जीवन दिया था और मेरी छोटी मामी ने बहुत प्यार दिया और खुश रखा। फिर मै धीरे धीरे बड़ी होने लगी और फिर मुझे बोझ समझा गया ।जब नानी नहीं होती तो मुझे थोड़ा बहुत अकेला महसूस होता था।

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सत्रह बरस की तन्हा कहानी - 1

(बचपन की तन्हाई)मैं आज आप सब के सामने अपनी कहानी प्रस्तुत करने जा रही हूं जो भी गलती हो कीजिएगा ।मेरा जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था कुछ कारणो और मजबूरी के कारण मुझे मेरी नानी मां ने मम्मा से बोल कर ले लिया और मेरी परवरिश उन्होंने और मेरे मामा जी ने कि थी उन्होंने मुझे एक नया जीवन दिया था और मेरी छोटी मामी ने बहुत प्यार दिया और खुश रखा।फिर मै धीरे धीरे बड़ी होने लगी और फिर मुझे बोझ समझा गया ।जब नानी नहीं होती तो मुझे थोड़ा बहुत अकेला महसूस होता था।अब मै ...Read More

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सत्रह बरस की तन्हा कहानी - 2

️ सत्रह बरस की तन्हा कहानीसत्रह बरस की उम्र, एक अजीब सी दहलीज़ होती है—जहाँ इंसान न तो तरह बच्चा होता है, न ही पूरी तरह बड़ा। यही उम्र है जब ख्वाब बड़े होते हैं, पर अकेलापन भी अक्सर साथ चलता है।मैं भी उस उम्र में थी। गाँव की एक लड़की, जिसकी दुनिया छोटी थी, लेकिन ख्वाब बहुत बड़े। घर की आर्थिक स्थिति कमजोर थी, माँ और पिता अपने रोज़मर्रा के संघर्ष में उलझे रहते। ऐसे में मेरा मन अक्सर अकेलापन महसूस करता। स्कूल में मैं पढ़ाई में अच्छी थी, पर दोस्तों की भीड़ में खुद को अलग ...Read More