कॉलेज का पहला दिन, नए students के लिए excitement और nervousness दोनों लेकर आया था। पूरे कैंपस में हलचल थी—नई किताबों की खुशबू, नए चेहरों की भीड़ और भविष्य के सपनों की आहट। इन्हीं नए चेहरों के बीच एक चेहरा और था—मुकुंद का। मुकुंद का जीवन आसान नहीं था। गाँव में गरीबी और संघर्षों के बीच उसने पढ़ाई की थी। पिता किसान थे, जिनकी कमाई बमुश्किल घर का खर्च चला पाती थी। लेकिन मुकुंद के सपने बड़े थे। उसने कड़ी मेहनत से entrance exam पास किया और इस नामी कॉलेज में दाखिला पाया। कॉलेज का विशाल गेट उसके लिए किसी मंदिर के द्वार से कम नहीं था। भीतर कदम रखते ही उसे अपने संघर्ष का फल महसूस हुआ। लेकिन उसके मन में एक हल्की चिंता भी थी—"क्या मैं यहाँ टिक पाऊँगा?"
पहली मुलाकात - अध्याय 2
अध्याय 2 – नए रिश्ते और चुनौतियाँअगली सुबह, हॉस्टल की खिड़कियों से धूप की हल्की किरणें कमरे में घुस थीं। मुकुंद जल्दी उठ गया। कल की हलचल, नए चेहरों और आन्या की मुस्कान का असर अभी भी उसके दिमाग़ में था। उसने अपना बैग तैयार किया और quietly breakfast के लिए नीचे उतर गया।हॉस्टल के कॉरिडोर में कदम रखते ही उसने महसूस किया कि यहाँ हर कोना कुछ नया सिखा रहा है। लोग जल्दी-जल्दी breakfast लेने जा रहे थे, कुछ दोस्त groups में बातें कर रहे थे, और कुछ अपनी किताबों में मशगूल थे। मुकुंद धीरे-धीरे mess की ओर ...Read More