आयुष और कबीर की दोस्ती मोहल्ले की तंग गलियों से शुरू हुई थी। बचपन में दोनों ने साथ पतंगें उड़ाईं, क्रिकेट खेला, स्कूल की ट्यूशन bunk की और अपने छोटे-छोटे सपनों पर हँसते-हँसते उम्र बिताई। कबीर हमेशा ambitious और तेज़-तर्रार था। वो हर काम में आगे निकल जाना चाहता था। आयुष इसके उलट था—शांत, संवेदनशील और थोड़ा भावुक।
Full Novel
Best Friend Ki Biwi - 1
Part – 1 : दोस्ती और पहली दरारआयुष और कबीर की दोस्ती मोहल्ले की तंग गलियों से शुरू हुई बचपन में दोनों ने साथ पतंगें उड़ाईं, क्रिकेट खेला, स्कूल की ट्यूशन bunk की और अपने छोटे-छोटे सपनों पर हँसते-हँसते उम्र बिताई।कबीर हमेशा ambitious और तेज़-तर्रार था। वो हर काम में आगे निकल जाना चाहता था। आयुष इसके उलट था—शांत, संवेदनशील और थोड़ा भावुक।कॉलेज तक दोनों की दोस्ती इतनी गहरी हो चुकी थी कि मोहल्ले वाले भी कहते थे – “ये दोनों साथ हैं तो पूरा शहर भी छोटा लगने लगे।”फिर वक़्त ने करवट ली। कबीर ने अपनी मेहनत और ...Read More
Best Friend Ki Biwi - 2
Part – 2 : हदें टूटती हैंपहले स्पर्श के बाद से ही सब कुछ बदल चुका था। अब नेहा आयुष के बीच वो दूरी नहीं रही, जो एक दोस्त और दोस्त की पत्नी के बीच होनी चाहिए। दोनों जानते थे कि ये गलत है, लेकिन उनके दिल अब और रुकने को तैयार नहीं थे।आयुष जब भी नेहा से मिलने आता, घर का माहौल बदल जाता। नेहा का चेहरा खिल उठता, उसकी मुस्कान अलग ही चमक बिखेरती। आयुष भी खुद को हल्का और सुकून भरा महसूस करता।कभी दोनों साथ में टीवी देखते, लेकिन नज़रें स्क्रीन पर कम और एक-दूसरे पर ...Read More