कुछ किरदारों को सिर्फ शब्दों के द्वारा आंखो के सामने जीवंत करने की शुरुवात | “ये कहानी छल है, कई किरदारों का, कुछ अपनो का कुछ अपने रिश्तों का, जहां छल से चक्रव्यूह बनाया गया है कुछ अपने ही किरदारों ने और यही छल तोड़ेगा कुछ अपनो को,,किसी की जिंदगी में तूफान लायेगा तो कोई इस छल में फस अपना सब कुछ खो बैठेगा क्योंकि इस कहानी में ये छल आंसुओ का सैलाब लायेगा, कब कहा कैसे कौनसा किरदार अपने चेहरे पर कई चेहरे पहने बैठा है ये कोई समझ ही नहीं पायेगा क्योंकि यहां छल कोई पहचान ही नही पाएगा,, सब अपने है,, फिर भी छल है पर छल का अंत कही तो होता है, बस उस अंत की शुरुवात कई छल बनाकर होगा भी या नहीं, यही ये कहानी है क्योंकि यहां कौनसा चेहरा सच्चा और कौनसा छल है ये खुद बात अपने में ही छल है,, कई नकाब है हर चेहरे पर और यही नकाब पनपा रहे हैं छल क्योंकि ये कहानी में खुदमे बहुत कुछ समेटे है”,,
छल - इंट्रो
छलकुछ किरदारों को सिर्फ शब्दों के द्वारा आंखो के सामने जीवंत करने की शुरुवात“ये कहानी छल है, कई किरदारों कुछ अपनो का कुछ अपने रिश्तों का, जहां छल से चक्रव्यूह बनाया गया है कुछ अपने ही किरदारों ने और यही छल तोड़ेगा कुछ अपनो को,,किसी की जिंदगी में तूफान लायेगा तो कोई इस छल में फस अपना सब कुछ खो बैठेगा क्योंकि इस कहानी में ये छल आंसुओ का सैलाब लायेगा, कब कहा कैसे कौनसा किरदार अपने चेहरे पर कई चेहरे पहने बैठा है ये कोई समझ ही नहीं पायेगा क्योंकि यहां छल कोई पहचान ही नही पाएगा,, सब ...Read More