रूहानी बस स्टैंड पर खड़ी हुई थी। वह बस आने का इंतजार कर रही थी कि तभी वहां बारिश शुरू हो गई। कुछ देर तक इंतजार करने के बाद बस भी आ चुकी थी। वह बस में बैठ गई। सारे रास्ते बारिश होती रही जिससे उसके चहरे पर हल्की चिंता की लकीरें दिखने लगी थी। वह बहुत सालों के बाद अपनी नानी के गांव खंडेरिया जा रही थी जो कि मध्य प्रदेश में स्थित है। यह गांव चारों तरफ से जंगलों से घिरा हुआ है।
हमारी अधूरी कहानी - 1
रूहानी बस स्टैंड पर खड़ी हुई थी। वह बस आने का इंतजार कर रही थी कि तभी वहां बारिश हो गई। कुछ देर तक इंतजार करने के बाद बस भी आ चुकी थी। वह बस में बैठ गई। सारे रास्ते बारिश होती रही जिससे उसके चहरे पर हल्की चिंता की लकीरें दिखने लगी थी। वह बहुत सालों के बाद अपनी नानी के गांव खंडेरिया जा रही थी जो कि मध्य प्रदेश में स्थित है। यह गांव चारों तरफ से जंगलों से घिरा हुआ है।बस ने उसे वहां इस गांव के एक बस स्टैंड पर छोड़ दिया था। वह बस ...Read More
हमारी अधूरी कहानी - 2
वहीं आने वाले खतरे से अनजान रूहानी अपने हाथ पर रूमाल बांधने में लगी थी ताकि खून को बहने रोक सके।वह साया धीरे धीरे चलते हुए नीचे आ रहा था। उसके पीछे उसके जैसे अनगिनत सायों की भीड़ चली आ रही थी।इससे अनजान रूहानी मोबाइल की टॉर्च जलाए अपनी चोट पर पट्टी बांधने में लगी हुई थी। हवा से उसके बाल उड़ कर बार बार उसके चेहरे को ढक रहे थे।वह साया रूहानी के खूबसूरत सफेद दमकते चेहरे को देख कर वहीं ठिठक गया जैसे उसने किसी परी को देख लिया हो।उसके एक इशारे से उसके पीछे चल रहे ...Read More
हमारी अधूरी कहानी - 3
बाहर से आते शोर को रूहानी ने भी सुना। जब उसने बाहर खड़े भेड़ियों की फौज को देखा तो आत्मा कांप उठी। उसे लगा जैसे शायद यही उसका अंतिम वक्त होगा। तभी हवेली से अनगिनत चमगादड़ों की फौज बाहर जाने लगी। रूहानी उन्हें देखकर चौंक गई। उन्होंने बाहर जाकर मानव रूप जो ले लिया था।रूहानी के मुंह से निकला "वैंपायरस" ! क्या अब इनकी लड़ाई होने वाली है ?तभी उसकी आंखों के सामने आरव जो एक सुंदर नौजवान के तौर पर उससे मिला था वह भी अपने असली रूप में आकर वैंपायर की फौज के आगे खड़ा हो गया। ...Read More