इश्क़ की उन सुर्ख राहों पर

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दिल्ली की हल्की सर्द सुबह थी। जनवरी की ठंडी हवा कॉलेज कैंपस में नये स्टूडेंट्स के बीच नई शुरुआत की फिज़ा घोल रही थी। हर चेहरा कुछ पाने की उम्मीद में चमक रहा था — नए दोस्त, नया माहौल और शायद... कोई दिल से जुड़ने वाला। पर आरव के लिए यह दिन बाकी दिनों से कुछ अलग नहीं था। वो एक शर्मीला, कम बोलने वाला लड़का था। उसकी दुनिया किताबों और संगीत के इर्द-गिर्द ही घूमती थी। चेहरे पर हमेशा एक हल्की उदासी, जैसे ज़िंदगी से कुछ खो चुका हो... या शायद अभी तक कुछ मिला ही ना हो। कॉलेज का पहला दिन था और आरव कैंपस की बेंच पर बैठा किताब पढ़ रहा था, जब एक आवाज़ ने उसकी तंद्रा तोड़ी— "Excuse me, क्या ये बेंच फ्री है?" आरव ने ऊपर देखा। सामने खड़ी थी एक लड़की — लंबे खुले बाल, हल्के गुलाबी स्वेटर में सिमटी हुई, उसकी आंखों में चमक थी। चेहरे पर मासूमियत और आत्मविश्वास का अजीब सा संगम था।

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इश्क़ की उन सुर्ख राहों पर - 1

दिल्ली की हल्की सर्द सुबह थी। जनवरी की ठंडी हवा कॉलेज कैंपस में नये स्टूडेंट्स के बीच नई शुरुआत फिज़ा घोल रही थी। हर चेहरा कुछ पाने की उम्मीद में चमक रहा था — नए दोस्त, नया माहौल और शायद... कोई दिल से जुड़ने वाला।पर आरव के लिए यह दिन बाकी दिनों से कुछ अलग नहीं था।वो एक शर्मीला, कम बोलने वाला लड़का था। उसकी दुनिया किताबों और संगीत के इर्द-गिर्द ही घूमती थी। चेहरे पर हमेशा एक हल्की उदासी, जैसे ज़िंदगी से कुछ खो चुका हो... या शायद अभी तक कुछ मिला ही ना हो।कॉलेज का पहला दिन ...Read More