वो करोड़ों का मालिक... और मैं एक मामूली सी लड़की..

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वो एक ऐसा लड़का था, जिसके पास सब कुछ था — दौलत, शोहरत, ताक़त... लेकिन फिर भी कुछ अधूरा था। और मैं? मैं एक मामूली सी लड़की... सपनों से भरी, किताबों में खोई, दिल से सच्ची। हम दो अलग-अलग दुनिया के लोग थे। वो सोचता था कि प्यार कमज़ोरी है। मैं मानती थी कि प्यार ही सबसे बड़ी ताक़त है। हमारी पहली मुलाकात हादसा थी... दूसरी नफ़रत... और तीसरी? एक ऐसा मोड़... जहाँ दिल हार गया, पर अहंकार ज़िंदा था। ये कहानी है प्यार, नफ़रत, ग़लतफ़हमियों, जिद और एक ऐसे रिश्ते की जो हर तूफ़ान के बाद और भी गहरा होता गया।

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वो करोड़ों का मालिक... और मैं एक मामूली सी लड़की - 1

वो एक ऐसा लड़का था, जिसके पास सब कुछ था — दौलत, शोहरत, ताक़त... लेकिन फिर भी कुछ अधूरा मैं?मैं एक मामूली सी लड़की... सपनों से भरी, किताबों में खोई, दिल से सच्ची।हम दो अलग-अलग दुनिया के लोग थे।वो सोचता था कि प्यार कमज़ोरी है।मैं मानती थी कि प्यार ही सबसे बड़ी ताक़त है।हमारी पहली मुलाकात हादसा थी...दूसरी नफ़रत...और तीसरी?एक ऐसा मोड़... जहाँ दिल हार गया, पर अहंकार ज़िंदा था।ये कहानी है प्यार, नफ़रत, ग़लतफ़हमियों, जिद और एक ऐसे रिश्ते की जो हर तूफ़ान के बाद और भी गहरा होता गया।कभी नज़रों से बात हुई,कभी चुप्पियों से लड़ाई,और एक ...Read More