बारिश की हल्की फुहारें जब दिल्ली की सड़कों को भिगो रही थीं, तब वह पहली बार उसे देखा था—कॉफ़ी शॉप की खिड़की से झाँकती हुई, किताबों में खोई हुई। आरव, एक 26 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर, जो हाल ही में दिल्ली शिफ्ट हुआ था, ज़िंदगी की भीड़ में कुछ तलाश रहा था—शायद सुकून, शायद मोहब्बत। उस दिन वह महज़ बारिश से बचने के लिए उस कैफ़े में घुसा था। पर उसे क्या पता था, कि वो बारिश उसकी ज़िंदगी की सबसे हसीन शुरुआत बनने वाली है। कैफ़े के कोने में बैठी थी सिया—एक 24 साल की, शांत और किताबों से प्यार करने वाली लड़की, जो दिल्ली यूनिवर्सिटी में रिसर्च कर रही थी। उसकी आँखों में कोई गहराई थी, जो आरव को पहली ही नज़र में बाँध गई।
तेरे बिना अधूरी सी ज़िंदगी - 1
अध्याय 1: पहली नज़र का असरबारिश की हल्की फुहारें जब दिल्ली की सड़कों को भिगो रही थीं, तब वह बार उसे देखा था—कॉफ़ी शॉप की खिड़की से झाँकती हुई, किताबों में खोई हुई।आरव, एक 26 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर, जो हाल ही में दिल्ली शिफ्ट हुआ था, ज़िंदगी की भीड़ में कुछ तलाश रहा था—शायद सुकून, शायद मोहब्बत।उस दिन वह महज़ बारिश से बचने के लिए उस कैफ़े में घुसा था। पर उसे क्या पता था, कि वो बारिश उसकी ज़िंदगी की सबसे हसीन शुरुआत बनने वाली है।कैफ़े के कोने में बैठी थी सिया—एक 24 साल की, शांत और किताबों ...Read More