पहली तस्वीर, पहला सपना

(0)
  • 588
  • 0
  • 180

मुझे सब याद है… मैं अपने घर में थी। वही घर... जहाँ की हर दीवार, हर कोना मुझे पहचानता था। वही सोफ़ा, जिस पर मैंने पहली बार अपनी डायरी खोली थी। वही खिड़की, जिससे मैंने कभी चाँद को देखा था... और कभी खुद को। उस दिन हवा में कुछ अलग था—जैसे ख़ुशी किसी अदृश्य दुपट्टे की तरह उड़ रही हो। हर चीज़ में एक नई चमक थी। सब तैयारी पूरी हो चुकी थी। मम्मी ने मेरा पसंदीदा जीन्स-टॉप निकाला था—वो हल्के नीले रंग वाला, जिसे पहनकर मैं खुद को थोड़ा और "मैं" लगती हूँ।

1

पहली तस्वीर, पहला सपना - भाग 1

मुझे सब याद है…मैं अपने घर में थी।वही घर... जहाँ की हर दीवार, हर कोना मुझे पहचानता था।वही सोफ़ा, पर मैंने पहली बार अपनी डायरी खोली थी।वही खिड़की, जिससे मैंने कभी चाँद को देखा था... और कभी खुद को।उस दिन हवा में कुछ अलग था—जैसे ख़ुशी किसी अदृश्य दुपट्टे की तरह उड़ रही हो।हर चीज़ में एक नई चमक थी।सब तैयारी पूरी हो चुकी थी। मम्मी ने मेरा पसंदीदा जीन्स-टॉप निकाला था—वो हल्के नीले रंग वाला, जिसे पहनकर मैं खुद को थोड़ा और "मैं" लगती हूँ।पापा बार-बार पूछ रहे थे: “सब कुछ ठीक है न?”और मेरा छोटा भाई तो ...Read More