आख़िरी रेडियो संदेश बर्फ़ का रंग सफ़ेद नहीं था, वह केवल एक बेजान सी चादर थी, जिसमें केवल मौन साँस लेता था। शून्यता इतनी गहरी थी कि हवा भी रुक-रुककर बहती थी, जैसे वह खुद आशंकित हो किसी के जागने से।उसी सफेदी के बीच, एक घायल सैनिक शरीर रेंगता जा रहा था — फटी हुई वर्दी, खून से सने हाथ, और एक डगमगाती साँस। वह था — हवलदार बाली राजपूत।बाली की छाती से एक लंबा जख़्म रिस रहा था, और उसकी उंगलियाँ एक पुराने रेडियो सेट को कसकर थामे हुए थीं।"ब्रावो-थ्री…बहुत खराब स्थिति है, मुझे नहीं पता मै कहां हूं, ब्रावो थ्री...ब्रावो थ्री,मैसेज पास ओवर"वह शब्द टकराते, बर्फ़ में घुलते — और थम जाते।बाली ने रेडियो को मुँह के करीब लाते हुए एक आखिरी बार कोशिश की, "यदि कोई सुन रहा है… ये हवलदार बाली है…

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रक्तपथ - 1

आख़िरी रेडियो संदेश बर्फ़ का रंग सफ़ेद नहीं था, वह केवल एक बेजान सी थी, जिसमें केवल मौन साँस लेता था।शून्यता इतनी गहरी थी कि हवा भी रुक-रुककर बहती थी, जैसे वह खुद आशंकित हो किसी के जागने से।उसी सफेदी के बीच, एक घायल सैनिक शरीर रेंगता जा रहा था — फटी हुई वर्दी, खून से सने हाथ, और एक डगमगाती साँस।वह था — हवलदार बाली राजपूत।बाली की छाती से एक लंबा जख़्म रिस रहा था, और उसकी उंगलियाँ एक पुराने रेडियो सेट को कसकर थामे हुए थीं।"ब्रावो-थ्री…बहुत खराब स्थिति है, मुझे नहीं पता ...Read More