यह रहा अफ्रीका मिशन का मेहनताना।" बूढ़े गुरु वशिष्ठ जी ने एक पुराने, फटे हुए कपड़े में लिपटा छोटा सा पार्सल निकाला। बड़ी सावधानी से उन्होंने उसमें से दो मुड़े-तुड़े सौ-सौ के नोट निकाले और सामने खड़े लड़के के हाथ में थमा दिए। लड़के का नाम था अर्जुन। उसका चेहरा हैरानी और क्रोध से भरा हुआ था। "क्या ये मज़ाक है?" अर्जुन मन ही मन बड़बड़ाया। "इतना ख़तरनाक मिशन था, मरने-मारने की नौबत आ गई थी, और मेहनताना सिर्फ दो सौ रुपये? ये कैसा इंसाफ है?" हर बार उसके गुरु वशिष्ठ जी उसे ऐसे मिशन पर भेजते थे जिनकी सफलता की दर मुश्किल से दस प्रतिशत होती थी। कभी-कभी तो मेहनताना पचास रुपये से भी कम होता था!
सुंदरी का रक्षक - 1
अध्याय 1 - अजीब मिशनयह रहा अफ्रीका मिशन का मेहनताना।" बूढ़े गुरु वशिष्ठ जी ने एक पुराने, फटे हुए में लिपटा छोटा सा पार्सल निकाला। बड़ी सावधानी से उन्होंने उसमें से दो मुड़े-तुड़े सौ-सौ के नोट निकाले और सामने खड़े लड़के के हाथ में थमा दिए।लड़के का नाम था अर्जुन। उसका चेहरा हैरानी और क्रोध से भरा हुआ था।"क्या ये मज़ाक है?" अर्जुन मन ही मन बड़बड़ाया। "इतना ख़तरनाक मिशन था, मरने-मारने की नौबत आ गई थी, और मेहनताना सिर्फ दो सौ रुपये? ये कैसा इंसाफ है?"हर बार उसके गुरु वशिष्ठ जी उसे ऐसे मिशन पर भेजते थे जिनकी ...Read More
सुंदरी का रक्षक - 2
पार्किंग एरिया महंगी और लग्ज़री कारों से भरा हुआ था, और उनमें भी तरह-तरह के मॉडल्स की कोई कमी थी।यह साफ़ दिखाई देता था कि शुर्वंधी इंडस्ट्रीज़ के कर्मचारी बहुत ऊँची सैलरी पाते थे। इसी के मद्देनज़र, अर्जुन की तीस हज़ार रुपये की मासिक तनख्वाह अब उतनी बड़ी नहीं लग रही थी।लीलाधर के साथ चलते हुए अर्जुन एक गहरे नीले रंग की 2006 मॉडल बेंटली 728 के पास पहुँचा। कार इतनी साफ़-सुथरी और चमकदार थी कि अर्जुन यह नहीं तय कर सका कि यह हाल ही में खरीदी गई थी या फिर इसकी देखभाल बहुत अच्छे से की गई ...Read More