बेपनाह प्यार

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प्यार, एक चार अक्षर से बनी शब्द। लेकिन ये छोटी सी शब्द समुद्र से ज्यादा गहराई और कभी न रुकने वाली लहरों की तरह है। इस विश्व में हर किसी को प्यार होता है, लेकिन सच्चा प्यार नहीं। अक्सर लोग कशिश को ही प्यार समझ बैठते हैं। जबकि कशिश प्यार की पहली सीढ़ी है, लेकिन हर बार वो प्यार में ही खत्म होती है या नहीं, ये एक अलग बात है। उस कशिश को पूरी तरह से समझने पर ही प्यार मिलता है। प्यार का अहसास हर किसी को पता है, लेकिन क्या हर किसी को अपना प्यार मिलता है? इस प्रश्न का उत्तर इतना उलझा हुआ है कि हर किसी को इसका पता नहीं। तो क्या आप तैयार हैं उस लड़की की कहानी सुनने के लिए जो प्यार को सही तरीके से समझती है, लेकिन उसे पाया नहीं। उसकी हर आंसू और मुस्कुराहट के पीछे छुपी कहानी।

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बेपनाह प्यार - 1

प्यार, एक चार अक्षर से बनी शब्द। लेकिन ये छोटी सी शब्द समुद्र से ज्यादा गहराई और कभी न वाली लहरों की तरह है। इस विश्व में हर किसी को प्यार होता है, लेकिन सच्चा प्यार नहीं। अक्सर लोग कशिश को ही प्यार समझ बैठते हैं। जबकि कशिश प्यार की पहली सीढ़ी है, लेकिन हर बार वो प्यार में ही खत्म होती है या नहीं, ये एक अलग बात है। उस कशिश को पूरी तरह से समझने पर ही प्यार मिलता है। प्यार का अहसास हर किसी को पता है, लेकिन क्या हर किसी को अपना प्यार मिलता है? ...Read More

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बेपनाह प्यार - 2

एक दिन फिर वो दोनों रास्ते काटते हुए एक-दूसरे के सामने आ गए। रिद्धि जा रही थी लाइब्रेरी में। का रास्ता अलग था, लेकिन किस्मत ने भेजा एक फरिश्ते को उनकी बेरंगी कहानी में प्यार की रंग देने के लिए। प्रियम को किसी ने पीछे से बुलाया। वो था उसका दोस्त अंकित। उसने प्रियम के हाथ में एक किताब दी जो रिद्धि की थी। उसने प्रियम से मदद मांगी कि वह रिद्धि को वो किताब दिखाकर आए।प्रियम पहले थोड़ा घबराया हुआ था, लेकिन फिर वह चला गया रिद्धि को उसकी किताब लौटाने। रिद्धि किताबों की दुनिया में इतनी खोई ...Read More