रीमा एक 32 साल की सुंदर, स्मार्ट और खुशमिज़ाज महिला थी। उसकी शादी को 7 साल हो चुके थे। उसका पति आरव एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करता था और अक्सर बिजनेस ट्रिप पर बाहर रहता। रीमा बाहर से बिल्कुल आदर्श पत्नी लगती—संसकारी, खुशहाल और सबकी चहेती—but अंदर ही अंदर उसे अपने जीवन में रोमांच की कमी खलती थी। (सड़क पर पड़ोस के लड़के के साथ एक सीन) रीमा (हल्की मुस्कान के साथ): "अरे सुमित, आजकल बहुत जिम जा रहे हो लगता है, बॉडी तो काफी बन गई है।" सुमित (शरमाते हुए): "नहीं भाभी, आप ही मोटिवेट करती हैं, जब आप बोलती हैं तो और मेहनत करने का मन करता है।"
बंद दरवाज़ों के पीछे - भाग 1
कहानी का नाम: बंद दरवाज़ों के पीछे रीमा एक 32 साल की सुंदर, स्मार्ट और खुशमिज़ाज महिला थी। शादी को 7 साल हो चुके थे। उसका पति आरव एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करता था और अक्सर बिजनेस ट्रिप पर बाहर रहता। रीमा बाहर से बिल्कुल आदर्श पत्नी लगती—संसकारी, खुशहाल और सबकी चहेती—but अंदर ही अंदर उसे अपने जीवन में रोमांच की कमी खलती थी।(सड़क पर पड़ोस के लड़के के साथ एक सीन)रीमा (हल्की मुस्कान के साथ): अरे सुमित, आजकल बहुत जिम जा रहे हो लगता है, बॉडी तो काफी बन गई है। सुमित (शरमाते हुए): नहीं भाभी, आप ही मोटिवेट ...Read More