अंधकार का देवता

(0)
  • 648
  • 0
  • 174

दिल्ली कनॉट प्लेस शाम का समय शाम के लगभग छह बज रहे थे। सूरज क्षितिज की ओर धीरे-धीरे ढल रहा था, और आसमान नारंगी और बैंगनी रंगों में घुलता जा रहा था। हल्की-हल्की ठंडी हवा बह रही थी, जो दिन भर की गर्मी को शांत कर रही थी। हवा में एक अजीब-सी महक थी। जैसे ताज़े पानी से भीगी मिट्टी की या किसी दूर की गली से आती चाय और पकौड़ों की सुगंध। सड़कों पर हलचल थी, लेकिन इसमें कोई हड़बड़ी नहीं थी। हर कोई अपने-अपने दिन के अंतिम सफर में था।

1

अंधकार का देवता - 1

दिल्ली कनॉट प्लेस शाम का समयशाम के लगभग छह बज रहे थे। सूरज क्षितिज की ओर धीरे-धीरे ढल रहा और आसमान नारंगी और बैंगनी रंगों में घुलता जा रहा था। हल्की-हल्की ठंडी हवा बह रही थी, जो दिन भर की गर्मी को शांत कर रही थी। हवा में एक अजीब-सी महक थी। जैसे ताज़े पानी से भीगी मिट्टी की या किसी दूर की गली से आती चाय और पकौड़ों की सुगंध। सड़कों पर हलचल थी, लेकिन इसमें कोई हड़बड़ी नहीं थी। हर कोई अपने-अपने दिन के अंतिम सफर में था।पर इस खूबसूरत शाम के बीच, एक आदमी सड़क के ...Read More