एक लड़की की, जो सबकी नज़रों में कुछ और थी... लेकिन खुद के लिए कुछ और। --- दिल्ली की तंग गलियों के बीच, जहां लोग दूसरों की ज़िंदगी को अपने खाली वक्त का मज़ा समझते हैं, वहीं रहती थी नैना। नैना के बारे में लोगों की जुबान पर एक ही बात थी — "वो लड़की सबके साथ वो सब करती है।" हर कोने पर, हर चाय की दुकान पर, हर आंख में उसके लिए एक तय फैसला था। कोई उसे "बदचलन" कहता, तो कोई "बेशर्म"। लेकिन किसी ने कभी ये जानने की कोशिश नहीं की कि वो ऐसा क्यों करती है।
Full Novel
एक लड़की सबके साथ वो सब करती - 1
एक लड़की की, जो सबकी नज़रों में कुछ और थी... लेकिन खुद के लिए कुछ और।---दिल्ली की तंग गलियों बीच, जहां लोग दूसरों की ज़िंदगी को अपने खाली वक्त का मज़ा समझते हैं, वहीं रहती थी नैना।नैना के बारे में लोगों की जुबान पर एक ही बात थी —"वो लड़की सबके साथ वो सब करती है।"हर कोने पर, हर चाय की दुकान पर, हर आंख में उसके लिए एक तय फैसला था।कोई उसे "बदचलन" कहता, तो कोई "बेशर्म"।लेकिन किसी ने कभी ये जानने की कोशिश नहीं की कि वो ऐसा क्यों करती है।नैना की उम्र बस 24 साल थी। ...Read More
एक लड़की सबके साथ वो सब करती - 2
16 में उसकी मां ने कहा —"चुप रह, इज्ज़त चली जाएगी।"और नैना ने समझ लिया कि इज्ज़त औरत की उसके शरीर की होती है।17 में जब उसके बॉयफ्रेंड ने नशे में उसके साथ रेप किया, तो उसने सिर्फ एक बात सीखी —"जिससे प्यार करो, वही सबसे पहले नोचता है।"19 में जब उसकी सहेली ने उसके सामने एक बिल्डिंग से कूदकर जान दे दी — क्योंकि उसके बॉस ने उसकी वीडियो वायरल कर दी थी —तो नैना ने कसम खा ली।"अब और कोई नहीं मरेगा। अब मैं मरूंगी सबके लिए।"और वहीं से शुरू हुई 'नैना की रातें'।---दिल्ली के सबसे पॉश ...Read More
एक लड़की सबके साथ वो सब करती - 3
नैना ने उस रात खुद से वादा किया — "अब डर नहीं, सिर्फ शिकार"।वो अपने सबसे पुराने ठिकाने पर — एक अंधेरे बेसमेंट में जहाँ उसने पहली बार किसी का वीडियो शूट किया था।उस कमरे की दीवारें आज भी काली थीं… पर आज वो वहां अकेली नहीं थी।किसी ने वहां पहले से उसकी तस्वीरें लगा दी थीं —बचपन से लेकर आज तक की।हर फोटो में उसकी आँखें काट दी गई थीं।"उसने मेरी रूह देख ली है…"नैना ने दीवारों को घूरते हुए कहा।तभी पीछे से एक आवाज़ आई — “क्या तुम अपनी सच्चाई जानती हो, नैना?”वो पलटी — कोई नहीं ...Read More
एक लड़की सबके साथ वो सब करती - 4 - (अंतिम भाग)
नैना की साँसें अब तेज़ थीं। उस टूटी कब्र के भीतर रखा आईना उसे खींच रहा था, जैसे किसी दुनिया का दरवाज़ा हो।वो झुकी।उसने टॉर्च नीचे डाली…आईना एकदम साफ़ था — खौफनाक हद तक साफ़।जैसे ही उसने झाँक कर देखा…उसमें उसका चेहरा नहीं था।बल्कि वहाँ एक दूसरी "नैना" थी —वो नैना जो पहले रात में लड़कियों को लुभाती थी,फिर सुबह उनकी चीखों को दीवारों में बंद कर देती थी।---आईने से एक आवाज़ आई:"तू अब भी सोचती है तू एक विक्टिम थी? नहीं दीदी… तू गुनहगार थी। रिया तो सिर्फ तेरे पापों की आवाज़ थी।"नैना पीछे हटने लगी… लेकिन उसके ...Read More