रानी कुंद्रा

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यह कहानी वर्षों पहले की है जब केशवापुर में रानी शुभांगी दर्द से बिलख बिलख कर चिल्ला रही थी क्योंकि केशवापुर को राजकुमार या राजकुमारी देने वाली थी।इधर रानी शुभांगी के कक्ष के बाहर केशवापुर के महाराज राजा सत्यम सिंह राठौड़, रानी शुभांगी की दर्द भरी चीखों से काफी सहमे हुए थे वो देवी मां से यही प्रार्थना कर रहे थे होने वाले नवजात शिशु और रानी को कुछ भी न हो क्योंकि विवाह के बारह साल बाद रानी शुभांगी गर्भवती हुई थी और इधर रानी शुभांगी दर्द से बिलख बिलख कर दर्द भरी आवाज में कहती है, "कुछ करिए देवी मां मेरे प्राण हर लीजिए पर जो इस दुनिया में आने वाला है उसको बचा लीजिए और इस महल पर उस डायन औरत का श्राप को हटा लीजिए कृपा करो मां, कृपा करो मां।"

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रानी कुंद्रा - 1

यह कहानी वर्षों पहले की है जब केशवापुर में रानी शुभांगी दर्द से बिलख बिलख कर चिल्ला रही थी केशवापुर को राजकुमार या राजकुमारी देने वाली थी।इधर रानी शुभांगी के कक्ष के बाहर केशवापुर के महाराज राजा सत्यम सिंह राठौड़, रानी शुभांगी की दर्द भरी चीखों से काफी सहमे हुए थे वो देवी मां से यही प्रार्थना कर रहे थे होने वाले नवजात शिशु और रानी को कुछ भी न हो क्योंकि विवाह के बारह साल बाद रानी शुभांगी गर्भवती हुई थी और इधर रानी शुभांगी दर्द से बिलख बिलख कर दर्द भरी आवाज में कहती है, "कुछ करिए ...Read More