सुबह का समय था, और एक बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनी की कार्यलय की हलचल धीरे-धीरे शुरू हो चुकी थी। ऑफिस की इमारत चमचमाती थी, लेकिन उसके अंदर कर्मचारियों की ज़िंदगी उतनी ही जटिल और संघर्षपूर्ण थी। यहाँ चार मुख्य पात्र थे, जो इस कॉर्पोरेट दुनिया में अपने-अपने तरीके से संघर्ष कर रहे थे—अभिषेक, सपना, राहुल, और प्रिया।
कॉर्पोरेट जीवन: संघर्ष और समाधान - भाग 1
पात्र: परिचयसुबह का समय था, और एक बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनी की कार्यलय की हलचल धीरे-धीरे शुरू हो चुकी थी। की इमारत चमचमाती थी, लेकिन उसके अंदर कर्मचारियों की ज़िंदगी उतनी ही जटिल और संघर्षपूर्ण थी। यहाँ चार मुख्य पात्र थे, जो इस कॉर्पोरेट दुनिया में अपने-अपने तरीके से संघर्ष कर रहे थे—अभिषेक, सपना, राहुल, और प्रिया। अभिषेक अभिषेक इस कंपनी में पिछले आठ सालों से काम कर रहा था। वह एक मिड-लेवल मैनेजर था, जिसने अपनी पूरी क्षमता से काम किया, लेकिन अब उसे लगने लगा था कि उसका करियर वहीं अटक गया है। कई सालों से वह उसी ...Read More
कॉर्पोरेट जीवन: संघर्ष और समाधान - भाग 2
संघर्ष का आरम्भ कॉर्पोरेट जीवन की चुनौतियाँ अब गहराई तक जाने लगी थीं। कार्य और व्यक्तिगत जीवन के बीच बनाने की कोशिश में कर्मचारी तनाव और असंतोष का सामना कर रहे थे। अभिषेक, सपना, राहुल और प्रिया सभी अपने-अपने संघर्षों में उलझे हुए थे, और उनके बीच की यह बातचीत भी उनके हालात को और स्पष्ट करती थी। अभिषेक: संघर्ष का सामना अभिषेक अपने घर और ऑफिस के बीच लगातार जूझ रहा था। काम के बढ़ते दबाव और परिवार की ज़िम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाना उसके लिए मुश्किल हो रहा था। जब भी वह ऑफिस में होता, उसे घर ...Read More