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  • જીવન પ્રેરક વાતો - ભાગ 11 - 12

      पश्चाताप - ભાગ ૧૧ एक धनवान व्यक्ति अपनी पत्नी के साथ रहता था। अपने उदार स्वभाव...

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        मुक्त -----उपन्यास की दर्द की लहर मे डूबा सास भी भारे छोड़ ता जा रहा था युसफ...

  • इश्क दा मारा - 39

    गीतिका बहुत जिद करने लगती है।तब गीतिका की बुआ जी बोलती है, "अच्छा ठीक है जब मैं...

कॉर्पोरेट जीवन: संघर्ष और समाधान By ANOKHI JHA

सुबह का समय था, और एक बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनी की कार्यलय की हलचल धीरे-धीरे शुरू हो चुकी थी। ऑफिस की इमारत चमचमाती थी, लेकिन उसके अंदर कर्मचारियों की ज़िंदगी उतनी ही जटिल और संघर्षप...

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