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    एपिसोड 39 — “नीले वादे का पुनर्लेखन” (कहानी: मेरे इश्क़ में शा...

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  • BAGHA AUR BHARMALI - 1

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  • THE PRISONER OF LORD - 4

    अगली सुबह... हॉस्पिटल से  डिस्चार्ज लेकर मै मां को घर ले आई। मैंने मम्मी को बेड...

  • स्वयंवधू - 63

    इसमें धुम्रपान और शराब का सेवन है। लेखक इसे प्रोत्साहित नहीं करता।साथ ही, इसमें...

  • तृप्ति देसाई - रंजन कुमार देसाई

    तृप्ति देसाई - लघु कथा       " बचाओ.. बचाओ!! "      फ्लेट के भीतर से किस...

  • वेदान्त 2.0 - भाग 4

    वेदांत 2.0  अध्याय 4 — समर्पण का विज्ञान — मृत्यु से मौन तक — 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓣 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓣 𝓐𝓰𝓎...

कॉर्पोरेट जीवन: संघर्ष और समाधान By ANOKHI JHA

सुबह का समय था, और एक बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनी की कार्यलय की हलचल धीरे-धीरे शुरू हो चुकी थी। ऑफिस की इमारत चमचमाती थी, लेकिन उसके अंदर कर्मचारियों की ज़िंदगी उतनी ही जटिल और संघर्षप...

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