अधूरी चाहत और मरता परिवार

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डॉ. अनामिका एक बेहद काबिल और मशहूर डॉक्टर थीं। उनकी सुंदरता और व्यक्तित्व ने उन्हें हर किसी की नजरों का केंद्र बना दिया था। उनका सुडौल शरीर और आकर्षक चेहरा किसी को भी उनकी ओर खींच सकता था। उनके पास सबकुछ था—खूबसूरत पति, प्यारा सा बच्चा, और एक अच्छी ज़िंदगी। लेकिन फिर भी, कहीं कुछ अधूरा था, जिसे वह खुद भी नहीं समझ पा रही थीं। उनके पति, रोहित, उनसे बेहद प्यार करते थे और उनका आदर करते थे, लेकिन उनके बीच की वह पुरानी चमक अब धीरे-धीरे खोने लगी थी। रिश्ते में एक खालीपन था, जिसे अनामिका भरने की कोशि

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अधूरी चाहत और मरता परिवार - भाग 1

अधूरी चाहत और मरता परिवार(उपन्यास)भाग-१अधूरी ख़्वाहिशें डॉ. अनामिका एक बेहद काबिल और मशहूर डॉक्टर थीं। उनकी और व्यक्तित्व ने उन्हें हर किसी की नजरों का केंद्र बना दिया था। उनका सुडौल शरीर और आकर्षक चेहरा किसी को भी उनकी ओर खींच सकता था। उनके पास सबकुछ था—खूबसूरत पति, प्यारा सा बच्चा, और एक अच्छी ज़िंदगी। लेकिन फिर भी, कहीं कुछ अधूरा था, जिसे वह खुद भी नहीं समझ पा रही थीं।उनके पति, रोहित, उनसे बेहद प्यार करते थे और उनका आदर करते थे, लेकिन उनके बीच की वह पुरानी चमक अब धीरे-धीरे खोने लगी थी। रिश्ते ...Read More

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अधूरी चाहत और मरता परिवार - भाग 2

अधूरी चाहत मरता परिवार,भाग -२जासूसी की शुरुआतआरव की अचानक मौत से रोहित के मन में संदेह घर कर गया उसने महसूस किया कि अनामिका के व्यवहार में अजीब बदलाव आ चुका था। वह अब ज्यादा शांत, चुपचाप और आत्मकेंद्रित हो गई थी। रोहित ने डॉक्टरों से बात की, लेकिन कोई ठोस वजह नहीं मिली।शक के बीज रोहित के मन में गहरे होते गए। उसने अनामिका पर नज़र रखनी शुरू कर दी। धीरे-धीरे उसने अनामिका की फोन कॉल्स, उसकी अस्पताल की शिफ्ट्स, और उसकी अन्य गतिविधियों पर ध्यान देना शुरू किया। एक दिन उसे अनामिका के फोन में विनय के ...Read More

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अधूरी चाहत और मरता परिवार - भाग 3

पछतावे का बोझजेल की सलाख़ों के पीछे अनामिका के लिए समय रुक सा गया था। वह दिन-रात आरव के में सोचती, उसकी मासूम हंसी और उसकी आवाज़ उसके कानों में गूंजती रहती। हर गुजरते दिन के साथ उसका पछतावा बढ़ता गया। उसे अब एहसास हो रहा था कि उसने क्या खो दिया है और उसकी गलतियों की कीमत कितनी बड़ी थी।जेल के छोटे से क़मरे में वह अकेलेपन से जूझती रही। वहां की ठंडी दीवारें उसकी गवाह थीं, जहां वह खुद से सवाल करती—क्या वह वाकई प्यार की तलाश में थी या यह महज उसके अहंकार की भूख थी? ...Read More

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अधूरी चाहत और मरता परिवार - भाग 4

वह चाहती थी कि शायद किसी और की ज़िंदगी उसकी तरह बर्बाद न हो। और फ़िर उसने दूसरों को कहानी सुनाकर यह समझाने की कोशिश की कि ग़लतियों का ख़ामियाजा कितना भारी हो सकता है।अन्तिम स्वीकृतिजेल में बिताए गए कई सालों बाद, अनामिका ने एक दिन ख़ुद से सच्चाई स्वीकार कर ली। उसने समझ लिया था कि उसने अपने प्यार और इच्छाओं के चक्कर में अपनी पूरी जिंदगी खो दी। लेकिन अब उसके पास कोई विकल्प नहीं था, सिवाय इसके कि वह अपने शेष जीवन को एक प्रायश्चित के रूप में जीए।आख़िरी दिनों में, अनामिका की तबीयत काफ़ी ख़राब ...Read More

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अधूरी चाहत और मरता परिवार - भाग 5

अनामिका की डायरी का असरअनामिका की डायरी ने धीरे-धीरे बाहर की दुनिया में अपनी जगह बना ली। एक पत्रकार, इस डायरी को लेकर काफी उत्सुक था, ने इसे पढ़ने के बाद महसूस किया कि यह एक ऐसी कहानी है जिसे लोगों तक पहुंचाना जरूरी है। उसने डायरी के कुछ अंश एक प्रसिद्ध पत्रिका में प्रकाशित किए।यह लेख जल्द ही चर्चा का विषय बन गया। लोग अनामिका की कहानी को पढ़कर हैरान थे, और इस पर बहस होने लगी कि क्या वाकई इच्छाओं और गलतियों के चलते किसी की जिंदगी इतनी बर्बाद हो सकती है।डायरी के इन अंशों ने समाज ...Read More