एक दिन मै भी आकाश मे उड़ान भरुगाडॉक्टर अब्दुल कलाम को आकाश मे पक्षियों की उड़ान बहुत अच्छी लगती थी उनके घर से रामेश्वरम् मन्दिर 10 मिनट के रास्ते पर था वे प्राय: रामेश्वरम जाया करते थे रामेश्वरम मन्दिर के मुख्य पुजारी उनके पिता के मित्र थे वे दोनों घंटो घंटो धर्म और अध्यन पर बाते किया करते थे कलाम बड़े चाव से मन्दिर की सजावट देखते थे भक्तो की तरह सिर झुकाते थे पूजा मे भी शामिल होते थे मन्दिर देखने के बाद वे जब समुद्र पर नजर डालते तो उनके मन मे सागर जैसी उत्ताल तरन्गे उठने लगती
डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम भाग - 1
एक दिन मै भी आकाश मे उड़ान भरुगा डॉक्टर अब्दुल कलाम को आकाश मे पक्षियों की उड़ान बहुत अच्छी थी उनके घर से रामेश्वरम् मन्दिर 10 मिनट के रास्ते पर था वे प्राय: रामेश्वरम जाया करते थे रामेश्वरम मन्दिर के मुख्य पुजारी उनके पिता के मित्र थे वे दोनों घंटो घंटो धर्म और अध्यन पर बाते किया करते थे कलाम बड़े चाव से मन्दिर की सजावट देखते थे भक्तो की तरह सिर झुकाते थे पूजा मे भी शामिल होते थे मन्दिर देखने के बाद वे जब समुद्र पर नजर डालते तो उनके मन मे सागर जैसी उत्ताल तरन्गे उठने लगती ...Read More