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  • जिंदगी के रंग हजार - 16

    कोई न कोई ऐसा ही कारनामा करता रहता था।और अटक लड़ाई मोल लेना उसकी आदत थी।एनानी कि...

  • I Hate Love - 7

     जानवी की भी अब उठ कर वहां से जाने की हिम्मत नहीं हो रही थी,,, क्योंकि आज अंश ने...

  • मोमल : डायरी की गहराई - 48

    पिछले भाग में हम ने देखा कि लूना के कातिल पिता का किसी ने बहुत ही बेरहमी से कतल...

  • महाभारत की कहानी - भाग 8

    महाभारत की कहानी - भाग-८ कच और देवयानी की कथा   प्रस्तावना कृष्णद्वैपायन वेदव्या...

  • शून्य से शून्य तक - भाग 48

    48=== “क्या बात है आशी? ”मनु भी दरवाज़े से हटकर अंदर आ गय...

  • Nafrat e Ishq - Part 12

    मनीषा के दिमाग में सहदेव की बेवफाई का हर एक दृश्य स्पष्ट था। रात भर उसने करवटें...

  • જીવન પ્રેરક વાતો - ભાગ 11 - 12

      पश्चाताप - ભાગ ૧૧ एक धनवान व्यक्ति अपनी पत्नी के साथ रहता था। अपने उदार स्वभाव...

  • डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 80

    अब आगे,क्योंकि आराध्या बार बार अपने चेहरे को इधर उधर करने की कोशिश कर रही थी जिस...

  • मुक्त - भाग 4

        मुक्त -----उपन्यास की दर्द की लहर मे डूबा सास भी भारे छोड़ ता जा रहा था युसफ...

  • इश्क दा मारा - 39

    गीतिका बहुत जिद करने लगती है।तब गीतिका की बुआ जी बोलती है, "अच्छा ठीक है जब मैं...

यादों की अशर्फियाँ By Urvi Vaghela

में अकसर सोचती थी की अगर हम कोई अच्छा काम करे तो हमारे माता पिता एवम् परिवार वालो की कीर्ति तो बढ़ेंगी ही पर उन शिक्षको और दोस्तो का क्या जिसने भी हमारी सफलता में अमूल्य योगदान दिय...

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गोमती, तुम बहती रहना By Prafulla Kumar Tripathi

अपने जन्म वर्ष 1953 से अपने जीवन की युवावस्था और दाम्पत्य तथा नौकरी शुरुआत तक की अवधि का आत्मगंधी लेखा- जोखा मैंने अपनी आत्मकथा के पहले खंड “ आमी से गोमती तक “ में दे दिया है जिसे...

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गगन--तुम ही तुम हो मेरे जीवन में By Kishanlal Sharma

Your life partner will be beautiful
But not easy to live with her
ऐसा नही है कि हरेक के साथ इत्तफाक हो।पर किसी के साथ हो भी सकता है।
कहानी तो शुरू से ही कहनी पड़ेगी।
सनातन में य...

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प्रफुल्ल कथा By Prafulla Kumar Tripathi

मेरा जन्म गोरखपुर से लगभग 20 कि.मी.दूर खजनी के एक गाँव विश्वनाथपुर में को हुआ था | यह गाँव सरयूपारीण ब्राम्हणों के सुप्रसिध्ध गाँव सराय तिवारी का ही एक हिस्सा था | मेरे गाँव से लगभ...

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असमर्थों का बल समर्थ रामदास By ՏᎪᎠᎻᎪᏙᏆ ՏOΝᎪᎡᏦᎪᎡ ⸙

युगों-युगों से पृथ्वी पर महापुरुषों का आगमन होता आया है। उनके द्वारा ज्ञान, ध्यान, निःस्वार्थ प्रेम और भक्ति से वर्तमान समाज की पात्रता बढ़ाने का कार्य निरंतरता से चलते आया है। समाज...

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महावीर लचित बड़फूकन By Mohan Dhama

अपने महापुरुषों का स्मरण भारत में एक श्रेष्ठ परम्परा रही है। कथा-कहानियों से लगाकर पुस्तकों तक उनके कर्तृत्व और आदर्श जीवन का सजीव चित्रण किया गया है। यदा-कदा पर्वों के माध्यम से भ...

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श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार (श्रीभाईजी) By Shrishti Kelkar

दिव्य जीवन की एक झलक
हमारा सौभाग्य है कि हमारी वसुन्धरा कभी संतों से विरहित नहीं रही। संतों की चेष्टायें साधन काल में भी एवं सिद्धावस्था में भी विभिन्न प्रकार की होती हैं पर होती...

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हर पल रंग बदलती है फिल्मी दुनिया By Swati

फिल्मी दुनिया की बेरुखी और हद दर्जे की खुदगर्जी को भी काफी गहराई से महसूस किया है मैने।
चढ़ते सूरज को नमस्कार करना ही शहर की फितरत में हैं।गिरते हुए को धक्का मार कर जमीन पर लेटा द...

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महानतम गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन् By Praveen kumrawat

किसी भी विषय में विशिष्ट ख्याति पाने के साथ असाधारण प्रतिभा से विभूषित व्यक्ति बहुत ही कम होते हैं। समय के साथ ओझल होना भी नियम ही है, परंतु विश्व - गणित मंडल में उज्ज्वल प्रतिभा क...

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भूली बिसरी खट्टी मीठी यादे By Kishanlal Sharma

"क्या देख रही हो?"
उन दिनों मैं साल 1966 की बात कर रहा हूँ।तब कालेज आज की तरह जगह जगह नही हुआ करते थे।मेरे पिता रेलवे में थे और उनके ट्रांसफर होते रहते थे।इसलिए मेरी शिक्ष...

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