बंजारन चुड़ैल

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इस से अच्छा बस अड्डे पर रुक जाता कम से कम इंसान नजर नहीं आते तब भी बिजली के खंभों से रोशनी तो होती दूसरा मैंने रिक्शे वाले को गांव के पास वाले हाईवे रोड़ से किराया देकर वापस भेज कर गलती कर दी आज कि रात मामा मामी के घर ही उसे रोक लेता तो कम से कम पक्के रोड़ से गांव तक के इस कच्चे अंधेरे सुनसान डरावने रास्ते पर अकेले तो पैदल नहीं चलना पड़ता। यह सब सोचते सोचते शम्मी अपनी ननिहाल जा रहा था, ऐसी अंधेरी रात में जिसमें अच्छे खासे मजबूत दिल के पुरुष को भी भूत प्रेत चुड़ैल का डर कांपने पर विवश कर दे, ऐसे सन्नाटे रास्ते पर सर्दी के मौसम कि अमावस्या की अंधेरी रात में अपने मामा मामी के गांव जा रहा था, क्योंकि पांच दिन बाद उसकी ममेरी बहन की शादी होने वाली थी और मां कि मृत्यु के बाद शम्मी छ वर्ष के बाद अपनी ननिहाल जा रहा था, इसलिए उसकी यह सोच गलत साबित हुई कि छ वर्षों में हाईवे रोड़ से चार कोश दूर गांव तक पक्का रोड़ बन गया होगा और रोड़ के दोनों तरफ बिजली के खंभे लग गए होंगे और मिनटों में मिनी बस छोटे टेंपो रिक्शे वाले आदि गांव में पहुंचा देते होंगे।

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बंजारन चुड़ैल - भाग 1

इस से अच्छा बस अड्डे पर रुक जाता कम से कम इंसान नजर नहीं आते तब भी बिजली के से रोशनी तो होती दूसरा मैंने रिक्शे वाले को गांव के पास वाले हाईवे रोड़ से किराया देकर वापस भेज कर गलती कर दी आज कि रात मामा मामी के घर ही उसे रोक लेता तो कम से कम पक्के रोड़ से गांव तक के इस कच्चे अंधेरे सुनसान डरावने रास्ते पर अकेले तो पैदल नहीं चलना पड़ता। यह सब सोचते सोचते शम्मी अपनी ननिहाल जा रहा था, ऐसी अंधेरी रात में जिसमें अच्छे खासे मजबूत दिल के पुरुष को ...Read More

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बंजारन चुड़ैल - भाग 2

फसल काटे खेत में गिरते ही शम्मी के हाथ से उसका बैग भी छूट कर दूर जाकर गिरता है उसके हाथ कि हथेली में कांटे जैसी नुकीली लकड़ी बहुत अंदर तक घुस जाती है, जिससे वह दर्द से तड़प उठता है और उसके हाथ कि हथेली से टप टप करके लहू बहने लगता है, शम्मी रुमाल से हथेली के जख्म को बांधने के बाद अपनी जैकेट की जेब से सिगरेट कि डिब्बी निकाल कर उस डिब्बी से एक सिगरेट निकाल कर जलता है और हिम्मत करके अपने पास से सूखी कि लड़कियां घास फूस इकट्ठा करके आग जला लेता ...Read More

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बंजारन चुड़ैल - भाग 3

श्मशान घाट की तरफ से ऐसी आवाज जैसे कोई अपनी नाक अपने हाथों कि उंगलियों से कसकर दबाकर बोल हो सुनकर शम्मी समझ जाता है कि यह भूत कि आवाज है, क्योंकि उसने किसी से सुना था कि भूत प्रेत नाक से बोलते हैं, इसलिए वह मिठाई का डिब्बा महादेव के मंदिर के पास रख कर और तेज चिल्ला कर बोलकर कि मैंने मिठाई महादेव के मंदिर के आगे बने पत्थर के चबूतरे पर रख दी है, यहां से उठाकर मिठाई खा लेना और खुद यह बात कहकर रेल कि पटरी के किनारे-किनारे उस तरफ तेज़ तेज़ चलना शुरू ...Read More

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बंजारन चुड़ैल - भाग 4

सुंदर मधुर मीठी युवती कि वाणी सुनकर शम्मी जल्दी से पीछे मुड़कर देखता है तो एक खूबसूरत युवती हाथ कटार लिए मुंह में पान का बीड़ा गौरा रंग लहंगा चोली पहने खड़ी हुई थी। उसे देखते ही शम्मी समझ जाता है कि मुझे जीवन में पहली बार चुड़ैल के दर्शन हो गए क्योंकि यह कस्तूरी बंजारन चुड़ैल है, इसलिए शम्मी बंजारन चुड़ैल को देखकर वहां से तेजी से भागने लगता है किंतु थोड़ी सी दूर बंजारन चुड़ैल से बचकर भागते ही उसे जमींदार भूतनाथ भूत टांग से पकड़ कर गूलर के पेड़ कि चोटी पर उल्टा पेड़ के मोटे ...Read More

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बंजारन चुड़ैल - भाग 5

बंजारन चुड़ैल की पूजा करने आए उस परिवार की बात सुनकर शम्मी अपने दिल में सोचता है जिसे यह समझ रहे हैं, वह अपनी मुक्ति के लिए मेरी गुलाम बन गई है फिर उस समय शम्मी कि इच्छा होती है कि इस परिवार से पता तो करूं की बंजारन चुड़ैल ने इनको कैसे इंसाफ दिलाया है तो वह परिवार बताता है कि मैंने अपने बेटे की शादी के लिए गांव के एक अमीर आदमी से दस हजार रुपए का कर्जा लिया था, उस अमीर आदमी ने हम दोनों अनपढ़ बाप बेटे के दस हजार कि जगह एक लाख के ...Read More

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बंजारन चुड़ैल - भाग 6

गांव का सबसे बुजुर्ग व्यक्ति चेहरा देखकर कहता है कि "यह तो शक्ल सूरत रंग रूप से कस्तूरी बंजारन कि देवी जैसी है।" कर्ण सिंह यह बात सुनकर मौका देखकर शम्मी के मामा मामी से कहता है शम्मी रिश्ते में पूरे गांव का भांजा लगता है और हमारा शम्मी भांजा पहली बार अपनी नई नवेली दुल्हन के साथ हमारे गांव में आया है, इसलिए आज रात को मैं शम्मी और शम्मी कि दुल्हन कि दावत करुंगा।" और जमींदार का बेटा कर्ण सिंह जिले के सबसे बड़े मशहूर तांत्रिक मदन को अपनी हवेली में बुलाता है कि अगर शम्मी कि ...Read More