रात की भूली बिसरी यादें।

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अंधेरी रात की गहराइयों में, एक पुरानी हवेली खड़ी थी, जिसका चेहरा रात के अंधेरे में और भी खौफनाक लगता था। हवेली के सामने एक खौफनाक नीम का पेड़ था, जिसके पत्ते आतिशकायी लाल रंग के थे, जैसे कि वह किसी भूतों की भटकती रूहों का असर था। हवेली के हर कोने एक राज छुपा रहा था, जिसके अंदर की कहानी कोई सुनाता ही नहीं था। इस हवेली में रहने वाला अमर, एक अलूफ़ और रहस्यमय आदमी था। वह हमेशा अकेला रहता था और लोगों से दूर भागता था। उसकी आँखों में डर और उदासी का आलम नज़र आता था। हर रात, वह नींद से बेदर होता था, किसी अनजान आवाज़ की तलाश में। उसकी आँखों के सामने हमेशा एक भटकती हुई रूह की तस्वीर सजती थी, जिसका चेहरा उसने कभी देखा ही नहीं था।

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रात की भूली बिसरी यादें। - 1

Chapter 1: आत्माओं का सायाअंधेरी रात की गहराइयों में, एक पुरानी हवेली खड़ी थी, जिसका चेहरा रात के अंधेरे और भी खौफनाक लगता था। हवेली के सामने एक खौफनाक नीम का पेड़ था, जिसके पत्ते आतिशकायी लाल रंग के थे, जैसे कि वह किसी भूतों की भटकती रूहों का असर था। हवेली के हर कोने एक राज छुपा रहा था, जिसके अंदर की कहानी कोई सुनाता ही नहीं था।इस हवेली में रहने वाला अमर, एक अलूफ़ और रहस्यमय आदमी था। वह हमेशा अकेला रहता था और लोगों से दूर भागता था। उसकी आँखों में डर और उदासी का आलम ...Read More