मे और महाराज

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समर गढ़ का असीम साम्राज्य।उसके वजीर शादाफ सींग की हवेली मे आज सुबह से कुछ ज्यादा ही हड़बड मची हुई थी।उसने धीरे से अपनी आंखे खोली, " हे भगवान अभी भी यही फसी हुई हू। पता नहीं कब निकलूंगी यहां से। पर आज यहां लोग इतने कम क्यो है ?" "मौली कहा हो तुम ? " " राजकुमारी आप जग गई। आज आप दोनो मे से क्या लेना पसंद करेंगी, दातुन या आपका बनाया नया साधन ? " मौली राजकुमारी की खास दासी है, जो बचपन से उनके साथ थी।राजकुमारी शायरा वजीर शादाफ की दूसरी बेटी। दो महीनों पहले की बात

New Episodes : : Every Wednesday

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मे और महाराज

समर गढ़ का असीम साम्राज्य।उसके वजीर शादाफ सींग की हवेली मे आज सुबह से कुछ ज्यादा ही हड़बड मची थी।उसने धीरे से अपनी आंखे खोली, " हे भगवान अभी भी यही फसी हुई हू। पता नहीं कब निकलूंगी यहां से। पर आज यहां लोग इतने कम क्यो है ?" "मौली कहा हो तुम ? " " राजकुमारी आप जग गई। आज आप दोनो मे से क्या लेना पसंद करेंगी, दातुन या आपका बनाया नया साधन ? " मौली राजकुमारी की खास दासी है, जो बचपन से उनके साथ थी।राजकुमारी शायरा वजीर शादाफ की दूसरी बेटी। दो महीनों पहले की बात ...Read More

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मे और महराज - 2

" एक मर्द और औरत को अपने बीच सही अंतर बनाएं रखना चाहिए। मेरा आपको पकड़ना गलत होगा।" उसके स्पष्ट थे।" अरे तुम बोहोत ज्यादा सोच रहे हो। यहां हम दोनों के अलावा कोई नहीं है। मेरी मदद कर दो।" उसने सब्र बनाएं रखा।राजकुमार ने फिर उसे घुरा वो उसकी प्यारी सि मुस्कान के पीछे का राज जानने कि कोशिश कर रहे थे। उस लड़के को अब भी विश्वास नहीं हो रहा यही सोच राजकुमारी ने नया तरीका अपनाया।" ठीक है मे तुम्हें सब सच बताती हू। यहां अंदर एक पागल बूढ़ा है, जो मेरी जबरदस्ती किसी ओर बूढ़े ...Read More

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में और महराज - 3

जगह राजकुमारी शायरा का कमरा " उदास मत होइए राजकुमारी जी।" मौली ने उसका हाथ पकड़ते हुए कहा।" हम क्या सकते है मौली? एक राजकुमारी होते हुए इतने बेबस है हम। कुछ ही दिनों पहले बड़े राजकुमार को शादी करनी पड़ी हमारी ही बड़ी बहन से और अब हमारी बारी है इस कुर्बानी को देने की।" उसने रोते हुए अपना दर्द बताया।" बड़े राजकुमार अभी भी आप से प्यार करते है। उन्होंने आखरी खत मे लिखा था ना वो जल्द आपको वहा से ले जाएंगे। आप वजीर साहब को जो चाहिए वो ला दीजीए मेरी राजकुमारी फिर आप इस कैद ...Read More

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मे और महाराज - 4 (सुहागरात)

जगह : आठवें राजकुमार का महल।उसने घूंघट उठाया। " अभी दो महीने ही हुए है मुझे यहां आए हुए, अब मे शादीशुदा हूं। ये कैसी किस्मत है मेरी। अब इस शादी को तो मे बदल नहीं सकती। पर सुहागरात तो मे अपनी मर्जी से मनाऊंगी। में भी देखती हूं कौन आता है मुझे छूने। मौली जाओ जल्दी से एक ठंडे पानी से भरा हुआ बर्तन एक पतली सी रस्सी जो किसी की नजर मे ना आए ऐसी और एक लकडे का डंडा इतना बड़ा लेकर आओ। जाओ।" उसने हाथो से इशारा कर मौली को दिखाया कि उसे कितने आकार ...Read More

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मे और महाराज - 4 ( सुहागरात-2)

" अब शायद आप जान चुके होंगे। प्यार किस के हिस्से मे है और रही हक़ की बात तो हम भी नहीं छोड़ने वाले।" राजकुमार सिराज की बात बड़े राजकुमार अमन को कुछ जमी नहीं लेकिन उन्होने उस वक्त वहा से चले जाना ही सही समझा " फिलहाल हम जा रहे है। पर आप हमारी राजकुमारी की नाराजगी को आप के प्रति प्यार मत समझ लेना। वो कल भी हमारी थी, आज भी हमारी है और आने वाले कल मे भी हमारिही होंगी। हम नहीं चाहेंगे आप का दील उनकी वजह से टूटे।""क्या आप चाहेंगे के में बड़े राजकुमार का ...Read More

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मे और महाराज - 5 - (भूत से भविष्य मे)

तभी अंधेरोके सिपाही वो काले कपड़ों वाले लोग वापस आए, "राजकुमार। लगता है आपको हमारी जरूरत है।" " हो तुम लोग ? चले जाओ इस से पहले की हम सिपाहियों को बुलाए।" राजकुमार अमन ने अपनी आवाज बुलंद की। " हम वो है, जो आपको आपकी गद्दी और राजकुमारी दिला सकते है। अंधेरों के मालिक ने आपको याद किया है।" उस मे से एक आदमी ने कहा। " मुझे मेरा हक़ पाने के लिए किसी के मदद की जरूरत नहीं है। चले जाओ यहां से।" राजकुमार अमन ने एक प्याला उनकी तरफ फेका। उन दोनों ...Read More

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मे और महाराज - 6 - (शक)

" मुझे बताओ मौली ये दोनो कौन है?" उसका बात करने का लहज़ा और आंखे बता रही थी। जो गिराई गई थी वो राजकुमारी शायरा थी, लेकिन जो उठ खड़ी हुई वो समायरा है।मौली ने उसे पहचानते हुए उसके पास जाकर कहा, " ये आठवें राजकुमार की हरम की औरते है।" " हरम की औरते ये क्या रिश्ता हुआ ? जरा साफ साफ बताओगी।" उसने उन्हे घूरते हुए पूछा।" वो औरते जिन्हें किसी राजा ने दूसरे राजा को भेट दिया हो। या यूं कह लीजिए जीती हुई औरतें। जिनके सारे हक़ उनको रखने वाले राजा के पास होते है।" मौली ...Read More

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मे और महाराज - ( तीन नियम - १) 7

" मुझे नहीं जाना वजीर के घर प्लीज़ मुझे वहा मत भेजो।" उसने राजकुमार का हाथ पकड़ते हुए कहा। अब ये मासूमियत क्यों? थोड़ी देर पहले तो आप कुछ अलग तरीके से बात कर रही थी।" उसने हाथ छुड़ाते हुए कहा। "कल आपको निकालना है। तैयार रहना।" वो उसे देखे बिना वहा से चला गया। " कहीं में सच मे तुम्हे गलत तो नहीं समझ रहा। जब भी मिलता हू ऐसा लगता है मानो तुम वो राजकुमारी नहीं हो जिसे में बड़े भाई के साथ मिला था। कौन हो तुम?" वो जब पीछे मुड़ा कोई वहा खड़े खड़े जमीन पर ...Read More

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मे और महाराज - ( तीन नियम _२) 8

" लगता है। वजीर साहब की बीवी राजकुमारी को किसी चीज़ की सजा दे रही है। क्या आप अंदर चाहेंगे मेरे राजकुमार?" हाथ जोड़े रिहान ने राजकुमार सिराज से पूछा।" नही। उन्हे अपना नाटक खत्म करने दीजिए। हम किसी तरह की कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहते।" राजकुमार सिराज ने रथ में बैठे हुए जवाब दिया। वजीर के महल के अंदर शायरा बेहोश हो चुकी थी।" राजकुमारी जी। राजकुमारी।" मौली उसके पास रोए जा रही थी।बड़ी मां ने ठंडे पानी का पूरा पतिला उस पर उड़ेल दिया। जिस से शायरा को होश आने लगा।" देखा वजीर साहब। मैंने नहीं कहा था, ...Read More

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मे और महाराज - ( तीन नियम _३) 9

" अच्छा। अगर मैने इन मे से एक भी नियम तोड़ा तो आप मुझे तलाक दे देंगे ना ? कहा ना मैने , कहिए।" समायरा ने पूछा।" नहीं । में इसके बदले तुम्हारी जान ले लूंगा।" सिराज ने उसके पास आते हुए कहा। समायरा ने धक्का दे उसे अपने से दूर किया। " अगर आप को अपनी जान प्यारी है तो वही कीजिएगा जो हम आपसे करने के लिए कहे। फिलहाल अपना हुलिया ठीक कीजिए और हम जहा जा रहे है, वहा तमीज से पेश आना।" सिराज ने अपना कुर्ता ठीक करते हुए कहा।" हम कहा जा रहे है ? " ...Read More

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मे और महाराज - ( चुम्बन ) 10

समायरा को उसके सवाल का जवाब मिले इस से पहले राजकुमार ने वहा से चलने के आदेश दे दिए जैसे ही दोनो मुड़े और चबूतरे के बाहर कदम रखा वही उनकी मुलाकात बीस साल की खूबसूरत लड़की से हुई। जो की एक उम्मीद भरी नजर से राजकुमार सिराज को घुरे जा रही थी। उसे देखते ही समायरा दो कदम पीछे चली गई।" मौली। ये कौन है ? कितनी खूबसूरत है।" उसने मौली के कानो मे कहा।" सैम ये राजकुमारी आर्या है। सेनापति जी की एक लौती बेटी। राजकुमार और इनका बचपन साथ साथ यही राजमहल में बीता है।" मौली।" ...Read More

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मे और महाराज - ( जासूसी _ १) 11

" आ............ तुम ?????" " हा हम। जिनकी आप अभी अभी तारीफ कर रही थी।" अपने हर शब्द के वो उसके करीब और करीब आ रहा था। राजकुमार के डर के मारे समायरा पीछे होती गई। वो इतनी पीछे हो गई थी की लगभग अपनी जख्मी पीठ के बल लेट गई और सिराज उसके ऊपर था।" आ ह......." समायरा " ये क्या कर रहे हो ? पीछे हटो मुझे चोट लगी है।" " हम क्यों पीछे हटे ? हम तो वो है ना जिन्हे किसी की भावनाओं की फिक्र नहीं । अगर किसे से मतलब है तो उनके जिस्म से है। ...Read More

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मे और महाराज - ( जासूसी_२) 12

सुबह सुबह उसने आंखे खोली। पर जो इस बार उठी थी वो राजकुमारी शायरा थी। वो आयने के सामने बैठी। उनके बदन मे दर्द की लहरे उठ रही थी। वो याद करने की कोशिश कर रही थी, की आखरी बार जब वो अपने माता पिता के घर गई थी। उसके बाद क्या हुवा ? उन्होंने उनके सवालों के जवाब दिया, जिस पर गुस्सा हो उनकी बड़ी मां ने सजा सुनाई। पर उसके बाद वो महल कब पोहोचि, आगे क्या हुआ था। कुछ भी याद नहीं। वो जितना याद करने की कोशिश करती उस से ज्यादा सर दर्द महसूस होता ...Read More

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मे और महाराज - ( एक सच )13

रात का वक्त, मौली खाना लेकर शायरा के कमरे मे पोहोची। शायरा अपने हाथो पैरो से कुछ अलग मुद्राएं रही थी। मौली ने खाने की थाली मेजर पर रखी, और राजकुमारी की तरफ भागी।" नहीं राजकुमारी जी ये क्या कर रही है आप। में इस तरह आपको तड़पते हुए नही देख सकती।छोड़िए अपने आप को।" उसने शायरा के हाथो उसका पैर छुड़वाते हुए कहा।" आर.......। आ। पागल में योगा कर रही हु। अपने शरीर को अच्छा दिखाने मे ये मदद करता है। यहां न टीवी है, ना इंटरनेट रात को करु क्या में यहां। मौली लड़कियों को हमेशा अपने ...Read More

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मे और महाराज - ( एक परीक्षा_१) 14

अपने सामने राजकुमार सिराज को पाकर वो चीख पड़ी। " आ.................." अपनी सांसों को समेट वो बिस्तर पर से " तुम क्या करने की कोशिश कर रहे थे ? मूझे डरा दिया।" समायरा।" ये सवाल हमे आपसे पूछना चाहिए ? हमारे तीन नियम भूल गई आप ? " सिराज ने उसकी तरफ देखते हुए कहा, " वहा कभी ना जाए जहा जाने से आपको मना किया है। अब जब आपने नियम तोड़ा है, तो बताएं किस तरीके से मरना पसंद करेंगी आप।"" क्या मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा, ओ ये आपका कमरा है!!!!!! तभी सोचूं कुछ अलग अलग मौहौल ...Read More

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मे और महाराज - ( एक परीक्षा_2)15

जैसे ही समायरा अपने कमरे मे पोहोची, उसकी वो हालत देख मौली डर गई। " क्या हुवा सैम। सब है ना ????" मौली।" मौली ये काले कपड़े पहने लोग कौन होते है ????" उसकी आवाज मे एक जिझक और डर साफ साफ सुनाई पड़ रहा था।" काले कपड़े वाले। तुमने किसी गुंडे को देखा क्या? वो लोग दुसरो को मारने का काम करते है। हमे ऐसे लोगो से दूर रहना चाहिए।" मौली।" वो लोग अभी राजकुमार के कमरे मे थे। क्या वो राजकुमार को मार डालते ? " समायरा।" क्या आप ये भी भूल गई के राजपरिवार मे जन्म लेने ...Read More

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मे और महाराज - ( एक परीक्षा_3) 16

बस ये वही पल था, जब एक एक राज खुलने की शुरुवात हुई। आधे घंटे से उस कक्ष मे तीनो औरते नियम लिखे जा रही थी। क्योंकि सिराज सामने बैठ कर ये लिखावट करवा रहा था, तो मौली समायरा की कोई मदद नहीं कर पाई। समायरा दो शब्द लिखती फिर मासूम सी नजर मौली की तरफ डालती और एक गुस्सैल नजर से सिराज को देखती। " वीर जाकर उनसे पत्र ले लो।" सिराज ने हुक्म दिया। उसके भाई ने गौर बाई और चांदनी से पत्र ले कर सिराज को सौंपे। किसी को ना दिखे उस तरह सिराज ने रात को ...Read More

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मे और महाराज - ( एक तोहफा) 17

" हम भी उनके मनसूबे समझ नही पा रहे। हमे लगा वो मुआवजे मे राजमुद्रा मांगेगी। लेकिन आखिर उस मे ऐसा क्या है ???" सिराज अभी भी भ्रम मे था। " रिहान क्या तुम्हे राजकुमारी की हरकते अजीब नही लगती। उनका बोलने से लेकर चलने तक का ढंग। कभी वो बिलकुल एक नाजुक, बड़े घर की बेटी जैसा बर्ताव करती है। तो कभी बिलकुल अलग मानो वो इस दुनिया की नही हो। उनके कपड़े भी उनके मन मुताबिक बदलते है।" " राजकूमार कही लोगो का कहना सच तो नही है। की राजकुमारी पागल हो चुकीं हैं।" रिहान ने नजरे झुकाएं ...Read More

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मे और महाराज - ( एक तोहफा_२) 18

सिराज सुबह सुबह बाहर चबूतरे पर बैठ कोई चित्र बना रहा था। मर्जी ना होते हुए भी समायरा को जबरदस्ती अपने पास बिठाया था। तभी राजकुमारी आर्या उनके महल में आई। रिहान के काफी रोकने के बाद भी उस से बहस कर राजकुमारी सिराज तक पोहोच ही गई। आर्या को देखते ही सिराज ने समायरा को अपनी गोद मे खीच लिया। उसके पास जाकर कानो मे धीरे से कहा, " हमारे पास आपके लिए एक खास तोहफा है। जिसे आप काफी दिनो से ढूंढ रही है। अगर आपको वो चाहिए तो इन्हे यहां से भगाने मे हमारी मदद कीजिए।" कुछ ...Read More

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मे और महाराज - ( एक तोहफा_३) 19

" सैम । रुको। ये मुद्रा राजकुमार अमन के लिए जरूरी है। क्यों ना तुम मेरी राजकुमारी का छोटा काम कर दो। ये उन तक पहुंचा दो??????" मौली ने समायरा को समझाते हुए कहा।" पर में ऐसा क्यों करु ? में उस राजकुमार को जानती तक नही।" समायरा।" वजीर साहब ने ये काम मेरी राजकुमारी को सौंपा था। अगर नहीं किया तो मार पड़ेगी उन्हे।" मौली ने उसे समझाने की कोशिश की।" तब तो में ये बिलकुल नहीं करूंगी। पता है आज तक उस वजीर ने कभी मेरे साथ अच्छा बर्ताव नहीं किया। हमेशा सताया। उसका काम और में ...Read More

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मे और महाराज - ( इम्तिहान_१) 20

समायरा अपने गहने छिपा कर अपने कमरे पोहचि जहा पहले से ही मौली उसका इंतजार कर रही थी। मौली हो कर यहां वहा टहल रही थी। तभी समायरा गुस्से मे उस तक गई। " मौली......" समायरा आगे कुछ बोले तभी मुख्य बटलर के आने की घोषणा हुई। समायरा के कमरे के बाहर खड़े होकर उसने महाराज का आदेश बताना शुरू किया। " कल आपको आठवें राजकुमार के साथ महल जाना है।" बटलर।" मुझे कही नहीं जाना। उन्हे बता दीजिए।" समायरा।" ऐसा मत कीजिए उनकी बात सुन लीजिए राजकुमारी।" मौली ने कहा।" राजकुमारी कल बड़े राजकुमार अमन के जन्मदिवस की खुशी मे जश्न ...Read More

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मे और महाराज - ( इम्तिहान_२) 21

दूसरे कक्ष मे शायरा की बड़ी बहन और राजकुमार अमन की पत्नी भी मौजूद थी। उसने जैसे ही शायरा देखा, वो अपनी जगह से उठकर उस के पास आईं।" बेशरम, बेहया। शादी होने के बाद भी नही सुधरोगी। अभी भी मेरे पति के साथ रंगरलियां मनाने के सपने सजा रही हो। उसका ध्यान खींचने के लिए भरी महफिल मे भी कपड़े उतारने से चुकोगी नही तुम।" शायरा की बहन ने गुस्से मे आग बबूला होते हुए कहा।" हमे अपनी शादी और अपनी जगह का पूरा ध्यान है, जीजी। इसीलिए हम कभी भरी महफिल मे अपने कपड़े नही उतारेंगे। पर ...Read More

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मे और महाराज - ( सौदा) 22

" ठीक है फिर। आप हमारे साथ सो कर हमे संतुष्ट कर दीजिए। हम तुरंत तलाक के कागज़ाद आपके मे रख देंगे।" सिराज ने अपनी नजरे बदलते हुए कहा।" तुम। रास्कल। तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई??? एक बार फिर कहना जो कहा।" समायरा।" अपनी बातो को दोहराने की हमे आदत नही है। आपने अच्छे से सब सुन लिया है। हम बस तीन तक गिनेंगे। एक, दो......." सिराज अपनी जगह से उठा।" में कैसे मान लूं की तुम बाद मे मुझे तलाक दे दोगे?" समायरा ने उसका हाथ पकड़ते हुए कहा।" हम कभी अपनी जबान से पलटते नही। ये एक राजकुमार ...Read More

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मे और महाराज - ( खोज_१) 23

दूसरे दिन सुबह जो उठी वो राजकुमारी शायरा थी। उन्हे बदन मे दर्द हो रहा था। तभी राज वैद्य देखने आए।" ये आपकी दवाइयां है, राजकुमारी। कुछ देर दर्द होगा पर फिर आपको अच्छा लगेगा। आपको और राजकुमार को शारीरिक संबंध के बीच कुछ दिनों का वक्त रखना है। मैने ये बाते राजकुमार को भी बता दी है। आप बस अच्छा अच्छा खाना खाएं और आराम कीजिए जल्द हमे खुशखबरी मिलेगी।" इतना कह वैद्य वहा से चले गए। " शारीरिक संबध ???? मतलब ?????? आ........." चिखते हुए राजकुमारी ने पास रखी सारी चीजें फेंक दी। राजकुमारी के लिए नाश्ता तैयार कर ...Read More

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मे और महाराज - (खोज_२) 24

मौली ने बस कमरे के बाहर बस कदम ही रखा होगा तभी शायरा के कमरे से उसे एक चीख दी।" मौली.........। पानी तैयार करो। मुझसे बदबू आ रही है।"मौली तुरंत कमरे की तरफ भागी। जब तक वो कमरे मे पोहची, समायरा पूरे कपड़े निकाल सिर्फ अपने अंदरुनी कपड़ों मे खड़ी थी। " सैम, राजकुमारियां इस तरह अपने कमरे मे बिना कपड़ो के नही रहती। जल्दी इन्हे पहनो।" उसने उसे कपड़े ओढ़ाने की कोशिश की, लेकिन समायरा ने वो कपड़े फैंक दिए।" छी.... दूर रखो उन कपड़ो को मुझसे । क्या राजकुमारियां ऐसे बदबू मे रहती है??? मुझे नहीं बनना राजकुमारी। ...Read More

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मे और महाराज - ( खोज_३) 25

जैसे ही मौली ने नकाब हटाया, दोनो ने चौंकते हुए एक दूसरे को देखा।" राजकुमार सिराज????" " हटो जरा।" को सिराज से दूर कर समायरा वहा बैठ गई। सिराज की सांसे चल रही है ये देख उसे राहत मिली। " मौली ये तो बेहोश है। एक काम करो, इसे मेरे कमरे मे ले जाते है। पहले होश मे लाने की कोशिश करते है। फिर आगे की बाते सोचेंगे।" उन दोनो ने मिलकर सिराज को उठाया और समायरा के कमरे मे ले आएं।" मौली। गरम पानी और एक साफ कपड़ा ले आओ।" समायरा ने कहा।जब तक मौली उसका मंगाया सामान लाए, उसने ...Read More

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मे और महाराज - ( एक एहसास_१) 26

" कल रात बड़े राजकुमार अमन पर किसी ने जानलेवा हमला किया।" गौर बाई की बाते सुन समायरा और की आंखे बड़ी हो गई। पर अपने आप को संभालते हुए समायरा ने तुरंत कुछ ना जानने का नाटक बखूबी किया। उन दोनो से कोई बात और भाव ना मिलने की वजह से गौर बाई का गुस्सा बढ़े जा रहा था। " ये नाचिज बस आपकी शुभ चिंतक है राजकुमारी। इसिलिए सोचा आपको आपके पहले प्यार का हाल सुनादु।" " इन सब में तुमने सिर्फ एक बात सही कही।" समायरा ने खुश होते हुए कहा।" कौनसी राजकुमारी ?" गौर बाई को ...Read More

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मे और महाराज - ( एक एहसास_२) 27

सप....... तीर कमान से निकला और सीधा समायरा के पकड़े फूल पर से गुजरा। तालियों की आवाज सुन समायरा अपनी आंखे खोली। " वाउ..... " वो दौड़ते हुए सिराज के पास गई और उसका हाथ पकड़ लिया। " ये तो कमाल का था। ग्रेट।" फिर उसने गुस्से से गौर बाई को देखा। " अब तुम्हारी बारी।" सिराज को उसकी पहली बात ज्यादा समझ नही आई पर आखरी बात जरूर समझ गया था। जैसे ही गौर बाई ने फुल हाथ मे लिया और निशाने पर खड़ी रही। सिराज ने हाथ पकड़ समायरा को अपनी बाहों मे खीच लिया और कमान थमा दी।" ...Read More

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मे और महाराज - ( जलन_१) 28

एक पल के लिए समायरा चुप सी हो गई। सिराज एक काफी खूबसूरत नौजवान है। अच्छी सूरत और अच्छी कोई भी लड़की उसे अपना बनाकर खुश रहेगी पर उसे तो सिर्फ समायरा मे दिलचस्पी है। जो अब दिन ब दिन बढ़ती जा रही है।सिराज से बढ़ती नजदीकियां समायरा को मुश्किल मे डाल रही थी। कल की पूरी रात भी दोनो ने पति पत्नी की तरह साथ बिताई। दुसरे दिन सुबह जब मौली कमरे मे आई, समायरा पहले से जगी हुई थी। मौली को शक हुआ। उसने उसके बाल संवारते संवारते पूछा।" सैम, मैने सुना कल रात राजकुमार फिर कमरे ...Read More

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मे और महाराज - ( जलन_२ ) 29

एक दूसरे को ताना मारते हुए आखिरकार सब ने खाना खत्म किया। सिराज के मुंह से निकली हुई बात की बहन को एक तीर की तरह चुभीं थी। क्योंकि सिराज के वहां होते हुए वह शायरा को कोई जख्म नहीं दे सकती थी। इसलिए उसने उस घर के बुजुर्ग नौकरानी को अपना निशाना बनाया।वो शायरा की दाई रह चुकी थी। समायरा के इस जगह पर आने केेेे बाद भी एक वही इंसान थी जिन्होंने उससे अच्छा बर्ताव किया था। उसकी बड़ी मां और बहन जानती थी कि समायरा को यह घाव गहरा लगेगा। उन्होंने बाहर चबूतरे के पास उस ...Read More

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मे और महाराज - ( जलन_३) 30

" सच में मैं जो भी कहूंगी तुम मानोगे।" समायरा ने उसके कमरे में बैठे सिराज से पूछा।" हम कहा ना, आप हमारे लिए खास है। हम आपकी सारी बाते मानेंगे।" सिराज ने उसके सर पर थपथपाते हुए कहा।" अच्छा अब समझो, जो तुम तुम्हारी आखों के सामने देख रहे हो। अगर कोई तुम्हे कहे की वो सच नहीं है। मतलब सच है, पर जैसा तुम सोच रहे हो ऐसे नही। अलग तरीके से, जिसमे कोई जादू जुड़ा हुआ है तो तुम क्या करोगे ?" समायरा ने उसके सामने बैठते हुए पूछा।" ये कैसी बहकी बहकी बाते कर रही ...Read More

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मे और महाराज - ( मुलाकात_१) 31

शायरा के कक्ष में,शायरा गुस्से में अपनी गद्दी पर बैठी हुई थी। तो दूसरी ओर मौली घुटने के बल रोए जा रही थी।" हमें माफ कर दीजिए राजकुमारी। मैं आपकी हुक्म की तामील नहीं कर पाई। आप चाहे तो मुझे सजा दे दीजिए।" रोते हुए कहा।" सजा तो तुम्हें मिलेगी। इस बार जरूर मिलेगी मौली।" शायरा अपनी जगह से उठी। उसने छड़ी ली और मौली की तरफ घूमाई। छड़ी मौली के कंधे पर आकर रुक गई। शायरा ने उसे मारने के लिए छड़ी घुमाई थी जरूर लेकिन वह ऐसा नहीं कर सकती। " क्यों मौली? हमारे साथ ही ऐसा क्यों ...Read More

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मे और महाराज - ( मुलाकात_२) 32

" आपका यहां स्वागत है मेरी राजकुमारी।" " तुम। तुम यहां क्या कर रहे हो ?" अपनी दोनों बाहें हुए राजकुमार अमन समायरा के सामने खड़े थे।" हमे लगा आप हमे देख कर खुश होंगी।" अमन ने चेहरे पर उदासी लाते हुए कहा। " अच्छा। मतलब ये सब सिर्फ एक साजिश थी मुझे यहां बुलाने की।" समायरा।" आप हमसे ऐसी बाते क्यो कर रही है शायरा ? हमे बुरा लग रहा है। हमारे प्रति आपका बर्ताव दिन ब दिन रूखा होता जा रहा है। क्या हम इसकी वजह जान सकते है ? आप हमारा प्यार इतनी जल्दी भूल जाएंगी इसका हमे ...Read More

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मे और महाराज - ( हमला_१) 33

" किसी काम के नही हो तुम। एक काम दिया था उसे भी खराब कर दिया।" शायरा की बहन अपना मुंह दूसरी ओर घुमाते हुए कहा।" इसमें मेरी कोई गलती नहीं थी राजकुमार अमन गलत वक्त गलत जगह थे।" उस नकाबपोश कातिल ने अपना पक्ष रखा।" अपनी गंदी जुबान से राजकुमार अमन का नाम भी मत लेना। दफा हो जाओ यहां से फिर कभी दिखना मत इस रियासत में।" बड़ी राजकुमारी ने सोने की कुछ अशरफिया उस नकाबपोश को दी और वहां से जाने के लिए कह दिया। जैसे ही वह वहां से चला गया एक दासी के हाथों उन्होंने ...Read More

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मे और महाराज - ( हमला_२) 34

सिराज समायरा को सीधा अपने कमरे में ले गया। उसने उसे वहा आराम करने की सलाह दी, और खुद अध्ययन कक्ष में चला गया। वहा रिहान पहले से ही मौजुद था।" मेरे महाराज।" रिहान ने सर झुकाते हुए कहा। " तुम्हारे और हमारे मौजूद होने के बाद भी एक दिन में किया गया ये दूसरा हमला था। तुम्हे क्या लगता है, इतनी हिम्मत कौन कर सकता है ?" सिराज ने पूछा। " आप को अपने सवाल का जवाब पता है मेरे महाराज। कौन है, जो आठवें राजकुमार पर हमला कर आसानी ने से बच के निकल सकता है।" रिहान ने सर ...Read More

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मे और महाराज - ( हमला _३) 35

मौली समायरा के साथ बग्गी में थी। वही सिराज बग्गी के पास घोड़े पर बैठा हुवा था। उनका काफिला मंजिल की तरफ बढ़ रहा था। तभी बग्गी के अंदर समायरा और मौली ने बातचीत शुरू की। " तुम्हे ऐसा क्यों लगता हैं ?" समायरा ने पूछा। " क्योंकि आठवें राजकुमार आपको अपनी तरफ करना चाहते हैं। इसलिए मुझे लगता हैं, के ये हमला वो भी करवा सकते है।" मौली ने फल को काटते हुए कहा। " मुझे नहीं लगता। वो मेरे साथ कभी ऐसा नहीं करेंगे। तुम गलत हो कोई और कारण ढूंढो। ये गलत है।" इतना कह समायरा ने बग्गी की ...Read More

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मे और महाराज - (अंत ) 36

" मैने वहा पे कुछ सुना मौली ?" समायरा ने झाड़ियों की तरफ हाथ दिखाया। तभी झाड़ियों से कुछ उड़ते हुए उनकी तरफ आए।" आ.................." उड़ते हुए तीरों को देख दोनों के मुंह से एक चीख निकली। पर सिराज की चतुराई यहां काम आई। उसने शायद ये खतरा पहले ही भाप लिया था। उसने तुरंत समायरा को अपनी तरफ खींचा और रिहान ने मौली को अपनी तरफ खींचा। दोनो ने एक दूसरे को इशारा किया और लड़कियों के साथ अलग अलग दिशा में भागे। जैसे ही वो लोग भागे, काले कपड़े पहने हुए लोगो के एक समूह ने अलग अलग ...Read More

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मे और महाराज - ( हीरो_१) 38

अपने पति के साथ गुजरी सुहानी शाम के बाद सुबह जब समायरा ने आंखे खोली, सिराज उसके सामने एक पर बैठ किताब पढ़ रहा था। " घूमने लाए हो कहते हो फिर भी काम में व्यस्त हो।" उसकी बात सुन सिराज ने किताब से ऊपर देखा। " हम अभी भी आपको घुमाना चाहते हैं। लेकिन बाहर का वातावरण अभी आपके घूमने लायक नहीं है।" सिराज ने किताब बंद करते हुए कहा। " क्या वह लोग अभी भी बाहर है ?" समायरा ने मासूमियत से पूछा। " नहीं। लेकिन अगर वह हमारा छुपकर पीछा कर सकते हैं। तो मतलब खतरा अभी भी टला नहीं।" ...Read More

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मे और महाराज - ( हीरो_२) 39

अपनी शाही बग्गी मैं कुछ घंटों का सफर तय करने के बाद सिराज और समायरा अपनी पूरी टोली के उनके महल पहुंचे। सिराज समायरा को अपनी बाहों में उठाए हुए उसके कक्ष की तरफ दौड़ रहा था। चांदनी और गौरबाई को महाराज के आने की खबर पहले ही लग गई थी। वह दोनों ही सज सवरकर सिराज का इंतजार कर रही थी। जैसे ही सिराज ने समायरा के महल में कदम रखा, वो दोनों तुरन्त सामने हाजिर हुएं। " महाराज।" दोनो ने सर झुकाते हुए कहा। " हमे राजकुमारी शायरा के साथ हुए हादसे का काफी दुख हैं मेरे महाराज।" गौर ...Read More

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मे और महाराज - ( जाल_1) 40

" मेरे महाराज आपने हमें बुलाया।" सिराज ने सर झुका कर अपने पिता को नमस्कार किया। " खड़े रहो आज महाराज ने राजकुमार को नहीं। एक पिता ने अपने पुत्र को बुलाया है।" उसके पिता ने अपने हाथों से उसको खड़े रहने का इशारा किया।" जैसा आप कहें पिताश्री।" सिराज अभी भी अपनी गर्दन झुकाए खड़ा था।" आप इतने बड़े हो गए राजकुमार की अब अपने आंसुओं को अपने ही पिता से छुपा रहे हैं।" उसके पिता ने पूछा।" नहीं पिता श्री। आप हमारे ही नहीं इस समस्त दुनिया के पिता है। आप पर पहले से ही जिम्मेदारियों का बोझ ...Read More

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मे और महाराज - ( जाल_२) 41

सिराज के लिए वह नाटक असह्य हो रहा था। वह अपनी जगह पर से खड़ा हुआ। " राजकुमारी शायरा तबीयत ठीक नहीं है। ऐसी हालत में हम उन्हें किसी से मिलने की इजाजत नहीं देंगे। यह हमारा आखरी फैसला है। मुझे लगता है कि भाई भाभी को अपनी पारिवारिक समस्याओं पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। यहां आने के लिए शुक्रिया अगली बार से अगर आप पहले संदेशा भेज देंगे तो अच्छा रहेगा। हमें माफ कर दीजिए हम आप को विदा करने दरवाजे तक नहीं आ सकते।" इतना कहकर सिराज वहां से चला गया।राजकुमार अमन अपनी पत्नी के साथ खाली ...Read More

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मे और महाराज - ( जाल_३) 42

अगले दिन सुबह जो उठी थी। वह राजकुमारी शायरा थी। उनके जागते ही मौली ने उन्हें इतने दिनों की घटनाएं बता दी। " सच बताओ मौली। उस लड़की ने ऐसा क्या किया जो वैद्य जी उसकी हरकत को सच मान बैठे ? " राजकुमारी शायरा ने चकित होते हुए पूछा । क्योंकि वह जानती थी कि राज वैद्य को धोखा देना इतना भी आसान काम नहीं है।" समायरा ने मुझे सिखाया है राजकुमारी। मैं आपको करके दिखाती हूं।" मौली राजकुमारी के बिस्तर पर गिरी और उस ने दौरा आने का नाटक किया।" छी।" राजकुमारी शायरा ने तुरंत अपना मुंह घुमा ...Read More

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मे और महाराज - (जाल_४) 43

राजकुमार अमन अपने ससुर वजीर साहब के साथ मिलकर अपना जाल रच चुके थे। दो दिन बाद सिराज राजकुमारी मिलने उनके कक्ष आया। राजकुमारी कमरे के बाहर बने हुए बगीचे में अपनी दासींयो के साथ खेल खेल रही थी। उनकी आंखों पर पट्टी बंधी हुई थी। सिराज ने दासियों को आवाज करने से मना किया। और खुद उनके बीच आकर खड़ा हो गया। समायरा ने जैसे ही उसे पकड़ा वह समझ गई कि सामने सिराज था। समायरा ने अपनी आंखों से पट्टी खोली। उस पूरे बगीचे में उसके और सिराज के अलावा और कोई नहीं था।" तुमने सब को भगा दिया।" समायरा ...Read More

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मे और महाराज - (जाल_५) 44

उसके अगले ही दिन सिराज को अपने पिता से महल आने का न्यौता आया। सिराज जैसे ही महल के रवाना हुआ। एक पालखी राजकुमारी शायरा के महल के बाहर आकर रुकी। राजकुमारी शायरा महल के बाहर आई। " यहां कोई पहरेदार क्यों नहीं है मौली ?" उसने मौली से पूछा।" आपके कहे मुताबिक समायरा ने राजकुमार सिराज से बात कर यहां का पहरा रद्द करवा दिया था। बेफिक्र रहींए राजकुमारी।" मौली ने शायरा को तसल्ली दी।" क्या आज हम सच में राजकुमार अमन से मिल पाएंगे ?" शायरा ने पूछा।" जाइए राजकुमारी। पालखी इंतजार कर रही है। जाकर राजकुमार ...Read More

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मे और महाराज - (फैसला_१) 45

राजकुमारी शायरा की पालखी निकली तो जरूर थी राजकुमार अमन की तरफ, लेकिन बीच रास्ते में ही पालखी ने रुख बदल दिया। राजकुमारी ने उन वाहको से काफी बहस की। लेकिन कोई मतलब नहीं वह चुपचाप पालखी बिना रुकाए चलते रहे। वह पालखी वजीर साहब के घर के बाहर आकर रुकी। वजीर साहब की बीवी और शायरा की बड़ी बहन दरवाजे पर खड़े थे। " मैंने नहीं कहा था आपसे मां, भले ही इसकी शादी करवा दो लेकिन उसके दिलों-दिमाग में अभी भी मेरे पति को रिझाने में ज्यादा रुचि है। देखा कैसे मुंह उठाए चली आई।" उसकी बहन ...Read More