इम्तिहान

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( कहानी शुरु होती है उस समय में, जब इंटरनेट था पर स्मार्ट्फोन नहीं। घर पर एक लैंडलाइन हुआ करता था और घर के प्रमुख के पास नोकिया का मोबाइल फोन। मोटे और बड़े से टीवी-कम्प्यूटर थे, और लोग मेसेज करने की जगह मिलकर बात किया करते थे। ) ये कहानी है गौरव और अंकिता की, जिन्होंने प्यार का हर एक मौसम बहुत करीब से महसूस किया। बोर्ड परीक्षा के परिणाम आए एक ही दिन हुआ था। गौरव अखबारों में अपनी तस्वीर ढूंढता फिर रहा था। शहर में आने वाले सभी अखबार आज उसके घर में थे।

Full Novel

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इम्तिहान भाग 1- वियोग

( कहानी शुरु होती है उस समय में, जब इंटरनेट था पर स्मार्ट्फोन नहीं। घर पर एक लैंडलाइन हुआ था और घर के प्रमुख के पास नोकिया का मोबाइल फोन। मोटे और बड़े से टीवी-कम्प्यूटर थे, और लोग मेसेज करने की जगह मिलकर बात किया करते थे। ) ये कहानी है गौरव और अंकिता की, जिन्होंने प्यार का हर एक मौसम बहुत करीब से महसूस किया। बोर्ड परीक्षा के परिणाम आए एक ही दिन हुआ था। गौरव अखबारों में अपनी तस्वीर ढूंढता फिर रहा था। शहर में आने वाले सभी अखबार आज उसके घर में थे। ...Read More

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इम्तिहान भाग 2- आदत

दो साल हो गए थे गौरव को मुंबई में। नया शहर, नया कॉलेज और नए लोग, इस नए से में अच्छे से घुल-मिल गया था वो। अपनी इस नई जिंदगी में वो काफी खुश था, कमी थी, तो बस अंकिता की। ऐसा नहीं था कि उसे कोई मिला नहीं इन सालों में, पर शायद अंकिता के आगे कोई जचा ही नहीं उसे। कोचिंग के वो दो साल आज भी उसकी आँखों के सामने ऐसे आते, मानो सब कल ही बीता हो। अंकिता दिल्ली के ही एक कॉलेज में मेडिकल की पढ़ाई कर रही थी, दूसरा साल शुरु ...Read More

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इम्तिहान भाग 3 - शुरुआत

वो पहला दिन था गौरव का दिल्ली में। कंपनी की तरफ से रहने की पूरी व्यवस्था थी। उसने सोच था कि सारा सामान कमरे में रखने के बाद, वो आज ही अंकिता से मिलने जाएगा। उधर अंकिता को कोई खबर नहीं थी गौरव के दिल्ली आने की। शाम के करीब चार बज गए थे उसे, सारा सामान व्यवस्थित करने में। पूरा थका हुआ गौरव अब सो जाना चाहता था। पर सो गया तो अंकिता से नहीं मिल पाएगा, इसलिए उसने यह विचार त्यागा और ऑटो में बैठकर अंकिता के हॉस्टल की ओर चल दिया। आधे घंटे ...Read More