अध्याय 29भाग 20संपूर्ण आध्यात्मिक महाकाव्य — पूर्ण दृष्टा विज्ञानवेदांत 2.0 आपको क्या करना है?कुछ भी नहीं।सिर्फ समझना है।देखना है।जीना है।यहाँ कोई धर्म, कोई विश्वास,कोई कठोर साधना, मंत्र, तंत्र,त्याग या तपस्या की आवश्यकता नहीं।न गुरु की ज़रूरतन भगवान की मजबूरीन मार्ग की गुलामीजीवन स्वयं गुरु है।---यह क्या है?वेदांत 2.0 —एक जीवित विज्ञान है।ऊर्जा और चेतना कासटीक, प्रत्यक्ष, अनुभवजन्य विज्ञान। शुद्ध आध्यात्म शुद्ध विज्ञान शुद्ध मनोविज्ञान शुद्ध अनुभवकोई पाखंड नहीं।कोई डर नहीं।कोई भ्रम नहीं।---क्यों यह अंतिम है?क्योंकि यह दोनों सत्य को जोड़ता है:वेद — सूक्ष्म का विज्ञानविज्ञान — दृश्य का सत्यवेदांत 2.0वेद, उपनिषद और गीता कोअनुभव में प्रमाणित करता है —और आधुनिक