Prologue "मैंने किसी की हत्या की है, सुमित। मुझे यकीन है।"रश्मि की आवाज़ एक फुसफुसाहट से ज़्यादा कुछ नहीं थी, लेकिन उस सन्नाटे में वह किसी धमाके की तरह गूँजी। वह अपने हाथों को इतनी शिद्दत से घूर रही थी, मानो उसे डर हो कि देखते ही देखते वे खून से लाल हो जाएँगे।मैंने उसकी ओर एक कदम बढ़ाया। मेरे सीने में दिल किसी हथौड़े की तरह बज रहा था। "नहीं रश्मि, तुमने ऐसा कुछ नहीं किया। तुम्हें मुझ पर भरोसा करना होगा। तुम ऐसी नहीं हो।""मेरी यादें... वे लहरों की तरह वापस आ रही हैं," उसने शून्य में देखते हुए