चित्रा का दर्दचित्रा की आँखों में आँसू आ गए…लेकिन आवाज़ स्थिर थी।“आप बुरा मत मानिएगा, दिव्यम जी…”“आप जानते हैं…मेरी भी पहली शादी हो चुकी है।”उसने धीमे से कहा—“मेरे पति ने मुझे छोड़ दिया।लेकिन मेरे लिए…पति आज भी वही है।”दिव्यम ने हैरानी से उसकी ओर देखा।“मैं पूरी निष्ठा और ईमानदारी सेआपके बच्चे को संभालूंगी।उसे माँ का प्यार दूँगी।”“बस…”उसकी आवाज़ टूट गई।“मुझे रहने के लिए एक छत चाहिए।बस यही काफी है।”फिर जैसे अंदर का ज़हर बाहर आ गया—“मेरे पहले पति के भीतर इतना अहंकार था कि उसने धमकी दी थी—उसकी मां ‘ दूसरी शादी करवा देगी,तब तू देखना क्या हालत होगी।’”चित्रा रो पड़ी।“उसकी