सर्जा राजा – भाग 2(नया घर, नया परिवार, पहली आरती और पहला भरोसा)लेखक राज फुलवरेअध्याय 6 – हिम्मतराव के घर की दहलीज़जैसे-जैसे शाम ढल रही थी,आसमान लाल-नारंगी रंगों से भर रहा था।हल्की-हल्की हवा पेड़ों की पत्तियों को सरसराती थी।इस शांत वातावरण मेंहिम्मतराव अपने नए दो साथियों—सर्जा और राजा —को लेकर धीरे-धीरे अपने गाँव में दाखिल हो रहे थे।गाँव वालों ने जैसे ही उन्हें दो बैलों के साथ आते देखा,सब उत्सुकता से पास आने लगे।गाँववाला 1 (हैरान होकर):“अरे हिम्मतराव! दो-दो बैल ले आए?कहाँ से खरीदे?”गाँववाला 2 (थोड़ा ताना देकर):“इतने छोटे बैल? कुछ दिन बाद काम आएँगे भी कि नहीं?”हिम्मतराव ने मुस्कुराते