भाग 1: गाँव की दास्तानमालपुरा गाँव के किनारे पर एक पुरानी हवेली खड़ी थी। उसकी दीवारों पर गहरी दरारें थीं, जर्जर झरोखे हवा में चरमराते थे और लोहे के पुराने ताले जंग खाकर लटक रहे थे। गाँव के बुज़ुर्ग कहते थे कि इस हवेली में कभी एक ठाकुर रहता था जो तांत्रिक विद्या करता था। उसकी रहस्यमयी मौत के बाद से हवेली वीरान हो गई और लोग मानने लगे कि उसकी आत्मा अब भी वहीं भटक रही है।दिन में हवेली एक खंडहर जैसी लगती थी, लेकिन रात होते ही वहाँ से अजीब आवाज़ें आतीं—जैसे कोई ज़ंजीर घसीट रहा हो, या