ठहराव में डूबा दिसंबर

साल का आख़िरी महीना कोई साधारण महीना नहीं होता। यह सिर्फ़ कैलेंडर का आख़िरी पन्ना नहीं, बल्कि ज़िंदगी का एक ठहराव होता है — जहाँ हम रुककर खुद से मिलते हैं। दिसंबर आते ही हवा ठंडी हो जाती है, लेकिन सोचें गहरी। यह महीना हमें याद दिलाता है कि एक पूरा साल बीत चुका है, अपने शोर, अपनी ख़ामोशी, अपनी जीत और अपनी टूटन के साथ। दिसंबर सवाल लेकर नहीं आता, वह एहसास लेकर आता है। क्या हम वही हैं जो साल की शुरुआत में थे? कुछ सपने पूरे हुए, कुछ रास्ते में छूट गए। कुछ लोग साथ चलते-चलते पीछे