स्वयं पर नज़र: जीवन को समझने का असली मार्ग - 2

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            हमारी मूल प्रवृत्ति क्या है? यही सबसे बड़ा प्रश्न है। इसी के आधार पर हमारे व्यक्तित्व का निर्धारण होता है। बड़ी से बड़ी व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करके अच्छे से अच्छे सामाजिक पदों पर आसीन हो जाने से या श्रेष्ठ सामाजिक मान्यता प्राप्त कर लेने के बाद भी यह स्पष्ट नहीं है कि व्यक्ति वास्तव में उतना ही श्रेष्ठ है जितना दिखाई देता है अथवा नहीं। हमारी मूल प्रवृत्ति हमारी शिक्षा या सामाजिक पर्यावरण पर आश्रित नहीं होती वह तो हमारा व्यक्तिगत गुण है, हमारी सबसे बड़ी विशिष्टता है जो हमें अस्तित्व प्रदान करती है।