यह उस दौर की बात है जब बादशाह अकबर का राज सिर्फ़ क़िलों और सड़कों तक सीमित नहीं था।उसका शासन अब लोगों के मोबाइल, टीवी चैनलों और सोशल मीडिया की सुर्ख़ियों तक फैल चुका था।हर सुबह दरबार से पहले यह तय नहीं होता था कि आज कौन सा फ़ैसला होगा,बल्कि यह तय होता था कि आज कौन सी ख़बर वायरल हुई है।अकबर एक समझदार बादशाह था,लेकिन समय के दबाव में वह भी कभी-कभी शोर को सच मानने लगता था।उसके दरबार का सबसे बुद्धिमान व्यक्ति था — बीरबल।बीरबल कम बोलता था,लेकिन जब बोलता था,तो सच को इस तरह सामने रखता थाकि