आ अब लौट चलें

  • 108

आ अब लौट चलें आज सुबह से मेरी तबियत कुछ अनमनी सी हो रही है | सिर में भी कुछ भारीपन सा बना हुआ है | किसी काम में मन नहीं लग रहा है | इसीलिए आज काम पर नहीं गई | वहाँ पर फ़ोन कर के न आने की इत्तिल्ला दे दी | सुपरवाइज़र कुछ खफ़ा थीं, लेकिन किसी तरह उनको राज़ी कर लिया | बिटिया इन्ज़िया अपने नियत वक़्त पर तैयार हो कर स्कूल चली गई है | आज घर में एक अजीब सा सन्नाटा पसरा हुआ है | दरअसल पिछले कुछ दिनों से इश्तियाक़ के यहाँ होने