चार साल बीत गए।परिवीक्षा-अवधि पूर्ण हुई और एडिशनल कलेक्टर के रूप में एक साल का कार्यानुभव भी, तब जाकर डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर (DM DC) का पहला चार्ज मिला– कलेक्टर, सिवनी जिला।श्वेत साड़ी अब भी वही, घुंघरू अब भी वही, पर अब कंधे पर तिरंगे वाली शाल भी थी।जब उसने पहली बार कलेक्ट्रेट में एंट्री की तो पूरे स्टाफ ने स्वागत में खड़े हो तालियाँ बजाईं। सबसे पीछे खड़ा एक अफसर चुपचाप देखता रहा।उसके हाथ में फाइल थी, आँखें नीची। दिव्या ने एक बार देखा और फिर नज़र फेर ली। जैसे कुछ देखा ही न हो।उस अफसर का नाम था– अविनाश शर्मा। यहां वह