गुप्त धनलेखक: विजय शर्मा एरीशब्द संख्या: लगभग १५००गाँव का नाम था चंदनपुर। पहाड़ों के नीचे बसी यह छोटी-सी बस्ती सालों से शांत थी, पर पिछले कुछ सालों में यहाँ कुछ अजीब हो रहा था। लोग बीमार पड़ रहे थे, फसलें सूख रही थीं, और नदी का पानी दिन-ब-दिन कम होता जा रहा था। बुजुर्ग कहते थे कि गाँव के ऊपर वाले जंगल में कोई प्राचीन खजाना छिपा है, जिसे कोई छू लेगा तो गाँव पर विपदा आ जाएगी। युवा हँसते थे। उनमें सबसे आगे था रवि।रवि उम्र में पच्चीस साल का, कद में लंबा और सपनों में बहुत बड़ा। शहर